इस साल 83 फीसद धनराशि खर्च, फिर भी गांव बदहाल
चन्दौसी जिले के गांवों को बेहतर बनाने के लिए भरपूर रुपये दिए हैं लेकिन इसके बाद भी तमाम ग
चन्दौसी: जिले के गांवों को बेहतर बनाने के लिए भरपूर रुपये दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी तमाम गांव आज भी विकास का मतलब नहीं जानते। जिले की 556 ग्राम पंचायतों को इस साल सरकार की तरफ 94 करोड़ 81 लाख रुपये से अधिक की धनराशि मिली। इस राशि से ग्राम पंचायतों ने 83 फीसद धन खर्च भी कर दिया, लेकिन तमाम लोग आज भी ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
केंद्र व प्रदेश सरकार ने गांवों में विकास की गंगा बहाने के लिए दिल खोलकर धनराशि दी है। इसी के चलते गांवों में विकास कार्य तेजी से हुए है, लेकिन तमाम गांव ऐसे भी हैं जहां लोग अब भी नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर है। क्योंकि ग्राम प्रधानों ने उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
ग्राम पंचायत में सभी गलियां पक्की हों, इसके लिए सरकार ने वर्ष 2020-2021 के लिए जिले की 556 ग्राम पंचायतों को 94 करोड़ 81 लाख 872 रुपये दिये। इस धनराशि में से ग्राम पंचायतों ने 86 करोड़ 81 लाख 332 रुपये खर्च कर दिए जो पूरी धनराशि क 83 फीसद है। अभी भी ग्राम प्रधान अपने खाते से रुपये निकाल रहे हैं। इनसेट- इनसेट-
जिले की इन ग्राम पंचायतों को बेहतर मान रहे अधिकारी
चन्दौसी, जासं: भले ही ग्राम कुछ ग्राम प्रधानों पर कार्य न करने का आरोप लगाते हो, लेकिन जिले में ऐसे भी तमाम ग्राम पंचायत है जो बेहतर है। अधिकारी सम्भल ब्लाक की लोधीसराय, हाफिजपुर, बनियाखेड़ा की गुमथल, पवांसा की फत्तेहपुर सराय, बहजोई की पाठकपुर, असमोली के मातीपुर, जुनावई की रिवाड़ा, गुन्नौर के शाहजानाबाद, रजपुरा की सिकंदपुर खागी ग्राम पंचायतों को अधिकारी सबसे बेहतर मानते है। डीपीआरओ जाहिद हुसैन ने बताया कि इन ग्राम पंचायतों में सबसे अच्छा काम हुआ है। यहां पर शौचालय, पंचायत घर, विद्यालय बेहतर है तो गांवों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। लॉकडॉउन में भी यहां के ग्राम प्रधानों ने लोगों के घरों तक खाना पहुंचाकर मदद की थी। कोट-
इस साल मिली धनराशि से 83 फीसद धनराशि विकास कार्य में खर्च कर दी गई है। गांवों में तेजी से विकास हुआ है। जाहिद हुसैन, डीपीआरओ सम्भल