600 मीटर हुई महावा नदी की खोदाई
दौरान सबसे बड़ी दिक्कत यह हो रही है जिसके अंदर निकल रही बालू बार-बार नीचे धंस रही है और उसे बार-बार ऊपर उठा कर रखना पड़ रहा है। जिससे नदी के किनारे बनाने में भी दिक्कत हो रही है। श्रमिकों की माने तो जब तक इसमें पानी प्रवाहित नहीं होगा या फिर बरसात नहीं हो जाती है। तब तक इस का किनारा बनाना आसान नहीं है। बहरहाल सैंडोरा गांव में महावा नदी का खोदाई का कार्य 600 मीटर तक पहुंच चुका है। जिसका क्रम आगे भी जारी है। इस
बबराला: महावा नदी का जीर्णोद्धार करने के लिए उसकी खोदाई का क्रम जारी है। जहां एक जेसीबी के जरिए खोदाई हो रही है तो वहीं खोदाई के दौरान निकल रहे बालू के धंसने से अत्याधिक मेहनत करनी पड़ रही है जिसके चलते नदी की खुदाई में अधिक समय लग सकता है।
गुन्नौर तहसील क्षेत्र के गांव सैंडोरा में रजपुरा किनारे महावा नदी में खोदाई का कार्य सातवें दिन भी जारी रहा। जहां डीएसएम शुगर मिल की ओर से लगाई गई जेसीबी खोदाई कर रही है। खोदाई के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत यह हो रही है जिसके अंदर निकल रही बालू बार-बार नीचे धंस रही है और उसे बार-बार ऊपर उठा कर रखना पड़ रहा है। जिससे नदी के किनारे बनाने में भी दिक्कत हो रही है। श्रमिकों की माने तो जब तक इसमें पानी प्रवाहित नहीं होगा या फिर बरसात नहीं हो जाती है। तब तक इस का किनारा बनाना आसान नहीं है। बहरहाल सैंडोरा गांव में महावा नदी का खोदाई का कार्य 600 मीटर तक पहुंच चुका है। जिसका क्रम आगे भी जारी है। इसके अलावा गुन्नौर तहसील के 38 गांवों में से 37 गांवों में अभी खुदाई शुरू नहीं हो सकी है।