खेतों में ही मुरझा गए 50 लाख के फूल
चन्दौसी देश के साथ ही विदेश में जाने वाला फूल इस सीजन में कोरोना वायरस का शिकार हो गया।
चन्दौसी: देश के साथ ही विदेश में जाने वाला फूल इस सीजन में कोरोना वायरस का शिकार हो गया। खरीदार न मिलने के चलते फूलों को कूड़ेदान में फेंका जा रहा है। जिससे किसान को हजारों रुपये का रोज का नुकसान हो रहा है। इस बार फसल की लागत भी लौटकर नहीं आई है।
चन्दौसी निवासी अशोक कुमार शर्मा ने फूलों की खेती करने के लिए नगर से सटे करेली की मिलक गांव में अपने खेत पर पॉली हाउस बनवाया। जिससे फूलों की खेती आसानी से हो सके। क्योंकि उन्होंने इस बार जरवेरा के फूलों की खेती करनी थी। यह फूल ज्यादा तापमान में खराब हो जाता है। मोटी लागत के बाद खेत में फूलों की खेती तैयार हो गई। अब इन्हें विदेश में भेजने की तैयारी हो ही रही थी तभी कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगा तो विदेश तो फूल जाना संभव नहीं था बल्कि अपने यहां भी खरीदार नहीं मिला। इन फूलों का सबसे अधिक उपयोग शादी व अन्य कार्यक्रम में सजावट के लिए किया जाता है। मंदिरों में सजावट के लिए यही फूल लगाए जाते है। जब फूलों का खरीदार नहीं मिला तो किसान ने उन्हें तोड़कर फेंकना शुरू कर दिया। अगर किसान की माने तो लगभग 50 लाख रुपये के फूल खेत में ही खराब हो रहे हैं। इनसेट-
सात से दस रुपये एक फूल की कीमत
चन्दौसी: जरवेरा का फूल देखने में बहुत सुंदर होता है। एक फूल की कीमत बाजार में सात से 10 रुपये होती है। किसान अशोक शर्मा के अनुसार जिले में ऐसा फूल आज तक किसी ने तैयार नहीं किया है। इस फूल के बुके भी तैयार किए जाते है। जिसकी कीमत 100 रुपये से अधिक होती है। इन्होंने इस बार 10 बीघा फूलों की खेती की थी।