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धान खरीद केंद्रो पर सात दिन में खरीदा गया 3500 क्विंटल धान

चन्दौसी (सम्भल) जनपद के धान खरीद केंद्रो पर सात दिन में अभी तक मात्र 3500 क्विटल धान खरीदा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 12:31 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 05:05 AM (IST)
धान खरीद केंद्रो पर सात दिन में खरीदा गया 3500 क्विंटल धान
धान खरीद केंद्रो पर सात दिन में खरीदा गया 3500 क्विंटल धान

चन्दौसी (सम्भल) : जनपद के धान खरीद केंद्रो पर सात दिन में अभी तक मात्र 3500 क्विटल धान खरीदा गया है। अधिकतर धान खरीद केंद्रो पर सन्नाटा पसरा हुआ है। काफी केंद्रों से केंद्र प्रभारी नदारत बने हुए है। किसान धान लेकर लौट रहा है।

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जनपद में एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है, जो 31 जनवरी तक होगी। सात दिन बीत जाने के बाद भी धान खरीद में तेजी नहीं आई है। इससे धान खरीद का लक्ष्य पूरा होने से रहा है। जनपद में 36 खरीद केंद्रों पर मात्र 35 सौ क्विटल धान ही खरीदा गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनपद धान खरीद कछुआ गति से हो रही है। जनपद के अधिकतर खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया जाता है कि जिले में इस बार मोटा धान कम हुआ है और जो हुआ है उसकी कटाई शुरू नहीं हुई है इसलिए खरीद भी कम हो रही है। चन्दौसी मंडी समिति में चार खरीद केंद्र स्थापित किए गए है। गुरुवार को इसमें एक ही खरीद केंद्र पर तोल हुई। अन्य केंद्रों के पर कर्मचारी थे वह भी धान न आने से बैठा हुआ था जबकि मंडी में ही व्यापारी प्रतिदिन तीन से चार हजार क्विटल धान खरीद रहा है। मंडी प्रशासन के अनुसार अभी तक मंडी में व्यापारियों ने करीब 50 हजार धान खरीद चुका है। केंद्र पर धान खरीद न होने अथवा धान न आने के पीछे अधिकारी बता रहे हैं कि जनपद में किसान अधिकतर महीन धान की पैदावार करता है। इसका खुले बाजार में बढि़या रेट मिलता है जबकि केंद्र पर निर्धारित रेट पर ही खरीदा जाता है। ऐसे में किसान मोटा धान लेकर खरीद केंद्र पर पहुंच रहा है, जिसकी पैदावार जनपद में काफी कम है। अभी तक मात्र 3500 क्विटल धान खरीद गया है। लगातार प्रयास किया जा रहा है कि केंद्र पर धान की खरीद तेज हो, लेकिन मोटा धान जनपद में कम होने से किसान खरीद केंद्रों पर कम पहुंच रहा है। सभी केंद्र खुले हुए है अगर कोई नहीं मिलता है तो किसान के पहुंचने पर फोन करने पर केंद्र प्रभारी पहुंच जाते है। क्योंकि वह इसके अलावा विभागीय कार्यों में लगे रहते हैं।

- विजेता सिंह, डिप्टी आरएमओ, सम्भल


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