बादशाहों का इंतजार करें, इतनी फुर्सत कहां फकीरों को
अंजुमन फिदाये अदब के तत्वावधान में आल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें शायरों ने सुंदर कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
सहारनपुर, जेएनएन। अंजुमन फिदाये अदब के तत्वावधान में आल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें शायरों ने सुंदर कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
राज्जुपुर गांव में हुए मुशायरे में नामचीन शायर डा. नवाज देवबंदी ने कुछ यूं कहा.बादशाहों का इंतजार करें, इतनी फुर्सत कहां फकीरों को। प्रसिद्ध शायर अलताफ जिया ने पढ़ा.शायद ये तकब्बुर की सजा मुझको मिली है, उभरा था बड़ी शान से अब डूब रहा हूं। अफजल मंगलौरी ने कहा.छोड़कर ताज को सब तेरी ही सूरत देखें, बैठ जाए तू अगर ताजमहल के आगे। वसीम राज्जुपुरी ने कहा.वो आस्तीन में खंजर छुपा के आया था, मैं उसका हाथ न काटू तो मेरा सिर जाता। नदीम शाद के इस शेर.सबब तलाश करो अपने हार जाने का, किसी की जीत पे रोने से कुछ नहीं होगा, ने श्रोताओं की जमकर दाद बटोरी। इनके अलावा अलतमश अब्बास, बिलाल सहारनपुरी, निकहत अमरोहवी, सुल्तान जहां, काशिफ रजा, इसरार, इंतेखाब संभली, अजरा, महमूद असर, जहाज देवबंदी, गुलजार जिगर, राशिद बिस्मिल ने भी अपने कलाम पेश किए। अध्यक्षता बाबर हुसैन कुद्दुसी व संचालन मध्य प्रदेश से आए मेहमान शायर इस्माईल नजर ने किया। कार्यक्रम में डा. नवाज देवबंदी, अफजल मंगलौरी समेत अन्य मेहमानों को आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया। मुशायरा संयोजक वसीम राज्जुपुरी व सह संयोजक राशिद बिस्मिल और मसरुर रोशन ने सभी का आभार जताया। इस मौके पर पूर्व मंत्री स्व. राजेंद्र राणा की पुत्री प्रियमवदा राणा, पुलिस चौकी प्रभारी यशपाल सोम, सपना अहसास, अहसान हनफी, अनीस फरीदी, अजीम फरीदी, सदाकत अली, सफदर अलवी, जाकिर सागर आदि मौजूद रहे।