यूरिया खाद की किल्लत बरकरार किसानों मे रोष
क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत अभी भी बरकरार है। सहकारी समितियों पर किसानों में खाद लेने के लिए भीड़ कम नहीं हो रही जिसे लेकर किसानों परेशान में रोष बढ़ता जा रहा है क्योंकि सहकारी समितियों पर जितना खाद पहुंचता है उसे उठते देर नहीं लगती।
सहारनपुर, जेएनएन। क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत अभी भी बरकरार है। सहकारी समितियों पर किसानों में खाद लेने के लिए भीड़ कम नहीं हो रही, जिसे लेकर किसानों परेशान में रोष बढ़ता जा रहा है, क्योंकि सहकारी समितियों पर जितना खाद पहुंचता है उसे उठते देर नहीं लगती।
बुधवार को क्षेत्र की सभी सहकारी समितियों पर विभाग द्वारा एक एक ट्रक अर्थात 330 कट्टे यूरिया खाद भेजा गया था। जिसकी भनक लगते ही सवेरे से ही सहकारी समितियों पर किसानों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी। सहकारी समिति चिलकाना के सचिव जुबैर अहमद के अनुसार समिति पर आये सभी 330 कट्टे वितरित कर दिये गये उन्होंने बताया कि किसान की जमीनी हैसियत के अनुसार दो कट्टे से 6 कट्टे तक किसान को दिये गये। इसके बावजूद अनेक किसान खाद लेने के लिये इधर उधर भटकते रहे।
उधर बुड्ढाखेड़ा समिति पर किसानों की भीड़ को भांपते हुये समिति सचिव प्रभारी अंकुर बंसल को पुलिस बुलानी पड़ी तब जाकर किसानों को खाद वितरित किया गया। क्षेत्र के किसानों कृष्णपाल सिंह, जयपाल सैनी, भाकियू नेता रामनाथ सैनी, चौ. यशपाल सिंह, नसीम प्रधान, अहसान अहमद आदि ने समितियों पर समुचित मात्रा में यूरिया खाद न पहुंचने पर रोष जताते हुये सरकार से किसानों की मांग के अनुरूप खाद उपलब्ध कराने की मांग की। गन्ने के साथ सहफसली खेती किसान की आय का अतिरिक्त माध्यम
सहारनपुर: जिला गन्ना अधिकारी एमएम त्रिपाठी ने कहा कि गन्ने के साथ सह फसली से किसान की अतिरिक्त आय होती है। त्रिपाठी आइटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत पानी संस्थान द्वारा बांदुखेड़ी में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज किसान को अतिरिक्त आय की जरूरत है, यह तभी संभव है जब किसान गन्ना बुवाई 5.2 के अंतरण पर खेती करेगा तथा इसके साथ सहफसली करेगा।
उन्होंने कहा कि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, इसलिए गन्ने की फसल के बीच में सरसों, गोभी, टमाटर व अन्य फसलें लगाए। क्लस्टर कोआर्डिनेटर पानी संस्थान कर्मवीर सिंह व कवि शेखर ने कहा कि अच्छे बीज चयन एवं बीज शोधन के उपरांत गन्ने की बुवाई करें। इसके साथ अपने खेत की मिट्टी को बुवाई से पूर्व खेत की तैयारी के समय ट्राईकोडर्मा से उपचारित करें। इस दौरान मांगेराम, पूरण प्रधान, सुधीर कुमार, अनिल कुमार, सुभाष चौधरी, सुरेश, मामचंद, डा. जसवीर, पहल सिंह, विजय पाल, सचिन चौधरी, अंकित विपिन, उमाकांत, कमल कुमार, आदिल, अभिषेक, शिवम मिश्रा, डा. धनेश गर्ग आदि मौजूद रहे।