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बकाया गन्ना भुगतान के लिए कलक्ट्रेट का घेराव

भारतीय किसान यूनियन ने बकाया गन्ना भुगतान व बढ़ी विद्युत दरों के विरोध में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन की रोक के बावजूद किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत कलक्ट्रेट में घुस गए और डीएम दफ्तर के बाहर डेरा डाल दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:26 AM (IST)
बकाया गन्ना भुगतान के लिए कलक्ट्रेट का घेराव

सहारनपुर, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन ने बकाया गन्ना भुगतान व बढ़ी विद्युत दरों के विरोध में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन की रोक के बावजूद किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत कलक्ट्रेट में घुस गए और डीएम दफ्तर के बाहर डेरा डाल दिया। भाकियू की मांग पर डीएम ने किसानों के बीच पहुंचकर ज्ञापन लिया। किसानों के प्रदर्शन के चलते घंटों तक शहर में जाम की स्थिति बनी रही।

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अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को सुबह से ही जिले के चारों ओर से आए हजारों किसान गांधी पार्क में एकत्रित हुए। यहां से भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार और जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में अंबाला रोड, घंटाघर, सोफिया रोड होते हुए कलक्ट्रेट पर पहुंचे। किसान आंदोलन को देखते हुए सुबह से ही कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार को बंद कर छावनी में तब्दील कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही किसानों का रेला कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पहुंचा तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हल्की नोकझोंक के बाद किसान गेट खोलकर ट्रैक्टर-ट्रालियों समेत अंदर घुस गए और कलक्ट्रेट को चारों ओर से ट्रैक्टर-ट्रालियों से घेरकर डीएम दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए। किसानों का ज्ञापन लेने और उन्हें समझाने के लिए एडीएमई एसबी सिंह व एडीएमएफ विनोद कुमार व एसपी देहात विद्या सागर मिश्र किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने उनकी एक न सुनी और डीएम को अपने बीच बुलाने की मांग पर अड़े रहे। इस बीच किसानों को संबोधित करते हुए चौधरी विनय कुमार, चौधरी चरण सिंह ने कहा कि किसानों को धूप में घूमने का शौक नहीं है। लेकिन जब चीनी मिलें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी नहीं मान रहीं तो किसानों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है। जिले की बजाज शुगर मिल गांगनौली व शेरमऊ मिल ने अभी तक भी किसानों के बकाया का भुगतान नहीं किया है। विनय कुमार ने कहा कि दोनों चीनी मिलों के मालिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाए। जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि किसानों को अपनी बात नहीं कहने दिया जा रहा है, यह ठीक नहीं है। मांग कर कहा कि जब तक किसानों को उनका बकाया गन्ना भुगतान नहीं मिल जाता तब तक सभी प्रकार की राजस्व वसूली स्थगित की जाए। बाद में किसानों ने बढ़ी विद्युत दरों को वापस लिए जाने समेत दस सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। धरना प्रदर्शन में अमीर हैदर जैदी, संजय चौधरी, चौधरी अशोक कुमार, मेवाराम, मा. रघुवीर सिंह, प्रदीप ठाकुर, जगपाल, राजेश वकील, सुखपाल, मुकेश तोमर, अरुण राणा, कमलेश, देशपाल, बृजपाल सैनी, स. भोला सिंह, बबलू, देवेंद्र, राजपाल, भूपेंद्र त्यागी, संजिल, अंकुर, सुरेंद्र चौधरी, रामकुमार शर्मा, रणधीर सिंह, घनश्याम राणा, चौधरी भीम सिंह, सुरेंद्र कांबोज, अरविद, कान सिंह, शेरपाल, प्रदीप चेयरमैन, सलीम, विपिन आर्य समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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पृथक प्रदेश बनने से होगा विकास

संस, देवबंद : पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में काफी संख्या में कार्यकर्ता और किसान प्रदर्शन करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम राकेश कुमार को सौंपा। इस दौरान भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश को चार भागों में विभाजित किया जाए और 26 जिलों को मिलाकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण किया जाए। पृथक पश्चिम प्रदेश बनने से ही पश्चिम का विकास हो सकेगा। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य तक नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने गन्ने का रेट कम से कम 600 रुपये प्रति कुंतल घोषित करने की मांग रखी। रवि सैनी, वसीम, स. गुलविदर सिंह, शहजाद प्रधान, भूरा त्यागी, राव अफजाल प्रधान, सुरेश कुमार, संजय त्यागी, महबूब हसन, मोहम्मद यासीन, सुमित वर्मा, मोहन सिंह, जुबैर, शुभम आदि शामिल रहे।


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