खुद को सुरक्षित रखना था चुनौती, पति की भी बचानी थी जान
जिस परिवार का कोई सदस्य कोरोना पाजिटिव हो जाए तो उस परिवार के लोगों को पाजिटिव व्यक्ति की देखभाल करना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
सहारनपुर, जेएनएन। जिस परिवार का कोई सदस्य कोरोना पाजिटिव हो जाए तो उस परिवार के लोगों को पाजिटिव व्यक्ति की देखभाल करना बड़ा मुश्किल हो जाता है। इस काम में अधिकतर परिवार की महिलाएं ही आगे आ रही है। शहर की कई महिलाओं ने खुद को सुरक्षित रखा और अपने परिवार के सदस्य की जान भी बचाई। ऐसी ही मोरगंज की एक महिला ने अपने पति को ठीक किया और खुद को भी सुरक्षित रखा।
इस महिला ने बिना नाम प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके पति 21 अप्रैल को कोरोना पाजिटिव हो गए थे। पति तो अस्पताल मे भर्ती होना चाहते थे, लेकिन महिला ने डाक्टरों से अनुरोध किया कि वह घर पर दवा दे। वह उनकी देखभाल कर लेगी। इसके बाद महिला को डाक्टरों ने सलाह दी कि वह खुद को पूरी तरह से सुरक्षित करके ही उनकी देखभाल करें। महिला का कहना है कि पति को पूरे परिवार से अलग कर दिया गया। उनके कमरे में केवल महिला ही जाती थी। दवा देने से लेकर खाना तक अपने पति को महिला ही खिलाती थी। पति के कपड़े तक महिला धोती थी। महिला ने बताया कि वह दिनभर ग्लव्ज पहनती थी। रात में भी ग्लव्ज पहनकर सोती थी, क्योंकि उसके पति रात में पानी मांगते थे। इसके अलावा चेहरे पर मास्क लगाकर रखती थी। हाथों को हर आधे घंटे में सैनिटाइज करती। साबुन से धोती थी। इस तरह से महिला ने खुद को सुरक्षित रखते हुए पति की देखभाल की। अब महिला का पति एकदम ठीक है।