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विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई

्रअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महानगर इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में पूर्ण उत्साह से मनाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 10:55 PM (IST)
विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई
विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई

सहारनपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महानगर इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में पूर्ण उत्साह से मनाया।

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महर्षि दयानंद इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गणेश सिंह तोमर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का प्रमुख कारण उनके सिद्धांत, अलौकिक विचार तथा उनके आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते है, जिनके हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चहुंओर भ्रष्टाचार व अपराध का बोलबाला है, जोकि घुन की तरह देश की जड़ों को खोखला कर रहा है। ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत कर उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना जरूरी है।

कालेज प्रधानाचार्य सुधीर चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विश्व में भारतीय संस्कृति को गौरवान्वित किया। आज उनके आदर्शो पर चलने की बेहद जरूरत है तभी देश विश्व गुरू बन पायेगा। इस दौरान विकास पाल, दलीप सिंह, सुदामा शर्मा, भानू प्रताप, सीमा चौहान, अनिता शर्मा, हिमानी, मोनिका, जितेन्द्र व अमित आदि मौजूद रहे। स्वामी विवेकानंद की विचारधारा प्रेरणास्त्रोत: कालेंद्रानंद

सहारनपुर, जेएनएन। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की विचारधारा युवाओं के लिए अनुकरणीय है। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

बुधवार को राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्रीरामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती महोत्सव पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का विधिवत पूजन, माल्यार्पण व भोग अर्पण कर आरती उतारी गई। पूजन में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया गया। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की विचारधारा एवं जीवन दर्शन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत होने के साथ जीवन मूल्यों को आत्मसात करने की एक विधा है, जिसका अनुकरण कर जीवन सर्वोच्च शिखर तक पहुंचा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक परिवेश में स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन एवं वेदांत दर्शन को आत्मसात करने की आवश्यकता है, जिससे युवाओं को एक नई दिशा प्राप्त होगी। इस अवसर पर पंडित ऋषभ शर्मा, सागर गुप्ता, शिवम कांबोज, बबीता, राजबाला व ममता आदि मौजूद रहे।


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