कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मनाएं त्योहार
नानौता में ईद उल अजहा के अवसर पर नगर स्थित बैंक्विट हाल में आयोजित मुस्लिम धर्म गुरुओं व नगर के जिम्मेदार लोगों की शांति समिति की बैठक हुई जहां वक्ताओं ने कहा कि अफवाह से दूर रहकर सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें।
सहारनपुर, जेएनएन। नानौता में ईद उल अजहा के अवसर पर नगर स्थित बैंक्विट हाल में आयोजित मुस्लिम धर्म गुरुओं व नगर के जिम्मेदार लोगों की शांति समिति की बैठक हुई, जहां वक्ताओं ने कहा कि अफवाह से दूर रहकर सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। मस्जिदों में शांतिपूर्ण ढंग से ईदुल अजहा की नमाज अदा करने की अपील की गई। इस संबंध में थानाध्यक्ष सौवीर नागर ने कहा कि ईदगाह की बजाए, मस्जिदों में नमाज अदा करें। खुले में कुर्बानी नहीं करें। कुर्बानी के अपशिष्ट को जमीन में दफन करा दें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक दूसरे की भावनाओं को सम्मान करें।
चेयरमैन नसीम फातिमा के प्रतिनिधि सरफराज अख्तर मुन्ना ने नगर में साफ सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का आश्वासन दिया। बैठक में मौजूद उलेमाओं व जिम्मेदार लोगों ने सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने का विश्वास दिलाया। बैठक में चेयरमैन प्रतिनिधि सरफराज अख्तर मुन्ना, पूर्व चेयरमैन अफजाल खान, मौलवी जिक्रिया सिद्दीकी, मौलवी सदाकत खान, हाफिज मसूद अहमद, प्रधान बिलाल चौधरी,व्यापारी नेता राजीव नामदेव,सतीश चावला, रामपाल सिंह,नसीम सिद्दीकी, माज सिद्दीकी, सलमान मलिक,बसपा नेता जगपाल सिंह,शाह अब्बास, सादिक सैफी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रजवाहे की पटरी टूटने से सैकड़ों बीघा फसल तबाह
नानौता: रजवाहे की पटरी टूटने से क्षेत्र के सोना अर्जुनपुर के किसानों की सैकड़ों बीघा धान को भारी नुकसान पहुंचा है। पीड़ित किसानों ने उच्चाधिकारियों से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
क्षेत्र के गांव सोना अर्जुनपुर में रात्रि के समय अचानक रजवाहे की पटरी टूट गई। जिससे किसान सुंदर पाल, मोहर सिंह, बलराज, रोहताश, सुरपाल, विष्णु, पवन कुमार, इलम सिंह, कान सिंह व वेदपाल आदि लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक किसानों की धान की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों का आरोप है कि रजवाहे की पटरी कमजोर हो चुकी है, जिसे ठीक करने के लिए पूर्व में कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन उनकी बात को अनसुना किया गया अगर समय रहते पटरी की हो जाती तो शायद उनका इतना बड़ा नुकसान ना होता। पीड़ित किसानों का कहना है कि ना जाने किस तरह से उन्होंने धान की फसल को बोने से लेकर दवा पानी व खाद आदि की व्यवस्था की थी लेकिन पल भर में ही पटरी टूट जाने से खेतों में भरे रजवाह के पानी ने उनके सपनों पर भी पानी फेर दिया है। पीड़ितों ने प्रशासन से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।