पुलिस के रडार पर सोनी के गुर्गे अलीबाबा और सत्यम
तमाम तरह के खेल में जीत-हार पर शर्त लगवाने वाले गिरोह का सरगना गोल्ड व्यापारी अमित सोनी अंडरग्राउंड हो चुका है। अब तक की जांच-पड़ताल में पता चला है कि सोनी के दो खास गुर्गे अलीबाबा उर्फ निखिल अरोड़ा तथा दूसरा सत्यम है। सत्यम दिल्ली का है जबकि अलीबाबा इंदौर का रहने वाला है। यह दोनों भी लापता हैं।
सहारनपुर जेएनएन। तमाम तरह के खेल में जीत-हार पर शर्त लगवाने वाले गिरोह का सरगना गोल्ड व्यापारी अमित सोनी अंडरग्राउंड हो चुका है। अब तक की जांच-पड़ताल में पता चला है कि सोनी के दो खास गुर्गे अलीबाबा उर्फ निखिल अरोड़ा तथा दूसरा सत्यम है। सत्यम दिल्ली का है, जबकि अलीबाबा इंदौर का रहने वाला है। यह दोनों भी लापता हैं।
एसएसपी डा. एस चन्नप्पा ने बताया कि अलीबाबा के ऊपर इस गिरोह की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है। अलीबाबा ही पेटीएम खातों को एक्टिवेट करता है और खातों में आने वाले करोड़ों रुपयों को पूरे अहतियात के साथ खातों से निकाल कर अमित सोनी तक पहुंचाता है। यह लोग इंदौर व दिल्ली सहित अन्य शहरों में लगातार आते-जाते रहते हैं। गिरोह में सत्यम की जिम्मेदारी भानू व पदमराज जैसे लोगों को तैयार करना व शर्त के लिए खेल की साइट तैयार करवा कर उस पर पूरी नजर रखने की है। देश के हर बड़े शहर में यह गिरोह सक्रिय है। पुलिस की टीम अब इन्हें दबोचने के लिए जाल बिछा चुकी है, ताकि जल्द से जल्द से इन्हें पकड़ कर जेल भेजा जा सके।
बड़े व्यापारी 30 प्रतिशत पर मंगवाते थे रुपये
पेटीएम एक्टीवेट करने के लिए सिम के सौदागर बने शहर के कई लड़के रविवार को सलाखों के पीछे पहुंच गए। पूछताछ में अरशदीप, हरदीप, अमन, सन्नी, अमन आदि ने बताया कि वह 100 रुपये में सिम खरीद छह हजार रुपये में आगे भानू को सप्लाई करते थे। लेकिन इनका दाम यह सीधे अपने खातों में नहीं लेते थे बल्कि रुपया मंगवाने के लिए यहां के कुछ व्यापारियों से सांठगांठ कर ली थी। यह व्यापारी अपने खातों में रुपया मंगवाने के नाम पर 25 से 30 फीसदी तक की कटौती करके बाकि रकम इन लड़कों को सौंप दिया करते थे। एसएसपी ने बताया कि इन लोगों पर भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
नेपाली नागरिकों से मिलने आ सकता है अलीबाबा
जिला जेल की अस्थाई बैरक में पहुंच चुके भानू व पदमराज के पास गिरोह के बहुत सी जानकारी है। अमित सोनी के लिए यह दोनों कितने महत्वपूर्ण हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें छुड़वाने के लिए 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की आफर पुलिस को की गई थी। माना जा रहा है कि इन दोनों को पुलिस फिर रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। इस बात की भनक इंदौर में बैठे गिरोह के सरगना अमित सोनी को लग चुकी है। इसलिए अब गिरोह का कोई व्यक्ति इन दोनों से जिला जेल या पेशी पर कोर्ट में मुलाकात करने भी पहुंच सकता है, ताकि मिल कर आला-कमान के कुछ दिशा-निर्देश दे सके।