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शाकंभरी में प्रथम नवरात्र से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र मेला पूर्णिमा को संपन्न

बेहट में श्री शाकंभरी सिद्धपीठ पर प्रथम नवरात्र से शुरू हुआ शारदीय नवरात्रि मेला शनिवार को पूर्णिमा तिथि पर संपन्न हो गया। इस तिथि को भी सिद्धपीठ पर श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:49 PM (IST)
शाकंभरी में प्रथम नवरात्र से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र मेला पूर्णिमा को संपन्न
शाकंभरी में प्रथम नवरात्र से शुरू हुआ शारदीय नवरात्र मेला पूर्णिमा को संपन्न

सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में श्री शाकंभरी सिद्धपीठ पर प्रथम नवरात्र से शुरू हुआ शारदीय नवरात्रि मेला शनिवार को पूर्णिमा तिथि पर संपन्न हो गया। इस तिथि को भी सिद्धपीठ पर श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे।

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इस बार कोविड 19 को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के क्रम में शुरुआती दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही। लेकिन इस मेले के प्रथम मुख्य पर्व दुर्गाष्टमी, द्वितीय और अंतिम मुख्य पर्व चतुर्दशी से 1 दिन पहले ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया था। यह स्थिति शनिवार को पूर्णिमा तिथि तक रही। अनौपचारिक रूप से शनिवार को मेले का समापन हो गया। मेले के अंतिम दिन भी श्रद्धालु भारी संख्या में माता के दर्शन के लिए पहुंचे।

सभी अनुष्ठान भी हुए संपन्न

परंपरा के अनुसार सिद्धपीठ व्यवस्थापक राणा जसमोर परिवार द्वारा मंदिर परिसर स्थित मठ में कराए जा रहे क्रमिक अनुष्ठान भी पूर्णिमा पर संपन्न हो गए। यह अनुष्ठान मध्य प्रदेश के मालवा से आए आचार्य पंडित आदर्श कुमार, पंडित दिलीप कुमार सहित 18 वेदपाठी ब्राह्मणों ने संपन्न कराए। प्रथम मुख्य पर्व अष्टमी तिथि को शतचंडी यज्ञ हुआ। कन्याओं का पूजन और उन्हें भोजन कराया गया। इसके बाद होमात्मक महारूद्र का अनुष्ठान शुरू हुआ, जो पूर्णिमा को हवन व पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। माता शाकंभरी, भीमा, भ्राभरी एवं शताक्षी देवियों की विशेष पूजा और भोग के साथ इस परिक्षेत्र में स्थित अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों में भी भोग अर्पित किया गया। इस अनुष्ठान के दौरान प्रख्यात संतों का भी आगमन हुआ, जिनमें उदासीन अखाड़ा साधू बेला ट्रस्ट के प्रमुख गौरी शंकर दास महाराज, जूना अखाड़ा के महामण्ड़लेश्वर महाराज अर्जुनपुरी और समापन पर अग्नि अखाड़ा के श्री महंत संपूर्णानंद ब्रह्मचारी का सानिध्य मिला।


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