आईपीएस अपर्णा को मिला तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड, अब उत्तरी ध्रुुुव पर फहराना है तिरंगा
यूपी कैडर के 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार का चयन इस वर्ष के तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2018 के लिए हुआ है।
By Edited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 12:00 AM (IST)
सहारनपुर,जेएनएन: यूपी कैडर के 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार का चयन इस वर्ष के तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2018 के लिए हुआ है। अपर्णा कुमार वर्तमान में डीआईजी आइटीबीपी देहरादून सेक्टर में तैनात है। श्रीमती अपर्णा को यह पुरस्कार गुरुवार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में प्रदान किया जाएगा। यह अवार्ड एडवेंचर के क्षेत्र में देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है।
देश की पहली आईपीएस अधिकारी मिला यह सम्मान
आईपीएस अपर्णा कुमार यह पुरस्कार पाने वाली देश की पहली आईपीएस अधिकारी हैं। इनके पति आईएएस अधिकारी संजय कुमार वर्तमान में सहारनपुर मंडल में कमिश्नर हैं। अपर्णा कुमार हाल ही में जून 2019 को उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अलास्का में स्थित सर्वोच्च चोटी माउंट डेनाली पर तिरंगा फतह करने के साथ ही वह सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर भारत का झंडा लहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी थीं। 13 जनवरी 2019 को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी होने का गौरव भी श्रीमती अपर्णा कुमार को ही प्राप्त है।
ऐसे लगा शौक
मूलत आंध्र प्रदेश की रहने वाली अपर्णा कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह आईटीबीपी के देहरादून ऑफिस में बतौर डीआईजी पोस्टेड हैं। पर्वातारोहण का शौक उन्हें 2012 में लगा, जब वह मुरादाबाद में पोस्टेड थीं। इसके बाद आईटीबीपी के औली ट्रे¨नग सेंटर उन्होंने अपनी इस प्रतिभा को निखारा। अपर्णा कुमार अब तक देश विदेश के कई मुश्किल रास्तों का सफर कर चुकी हैं। साउथ पोल की यात्रा के लिए उनकी टीम में कुल 7 लोग थे, अंत में चंद लोग ही ये यात्रा पूरी कर पाए। इस यात्रा के दौरान उनकी नाक पर बर्फ की वजह से फ्रॉस्ट बाइट (नाक से खून निकलना) हुई, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह किए बगैर अपनी यात्रा जारी रखी।
कमिश्नर को है पत्नी पर गर्व
आइपीएस अपर्णा कुमार के पति कमिश्नर संजय कुमार बताते हैं कि अपनी मेहनत अदम्य साहस व हार न मानने की प्रवृत्ति के कारण अपर्णा ने विश्व की दुर्गम व सर्वोच्च चोटियों पर पहुंचकर तिरंगा लहराया। वह भारत की करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वह प्राप्त किया है, जो अभी तक महिलाओं के लिए नामुमकिन समझा जाता रहा है। वह नारी शक्ति और साहस का जीता जागता उदाहरण हैं।
दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी
अपर्णा 13 जनवरी 2019 को दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी भी हैं। इससे पूर्व उन्होंने 30 अगस्त 2014 को अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर किलमंजारों (तंजानिया), 30 अगस्त 2014 को आस्ट्रेलिया एवं महासागरीय क्षेत्र के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कार्सटेन्सज पिरामिड (इंडोनेशिया), 14 जनवरी 2015 को दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एकोनेकागुआ (अर्जेंटाईना), अगस्त 2015 में यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एल्बरस (रूस), 17 जनवरी 2016 को अंटार्कटिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर विनसन मैसिफ, 21 मई 2016 को एशिया महाद्वीप एवं विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट नार्थ फेस(चीन-तिब्बत) तथा 25 सितंबर 2017 को विश्व के आठवे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर मनासू को फतेह किया था।
2020 का लक्ष्य उत्तरी ध्रुव में तिरंगा
कमिश्नर संजय कुमार ने बताया कि इसके अपर्णा का अगला लक्ष्य अप्रैल 2020 में उत्तरी ध्रुव में तिरंगा लहराकर एक्सक्लूसिव क्लब में प्रवेश करना है, इस कामयाबी के बाद वह इस क्लब में पहुंचने वाली पहली महिला सिविल सर्वेंट व आईपीएस अधिकारी बन जाएंगी।
देश की पहली आईपीएस अधिकारी मिला यह सम्मान
आईपीएस अपर्णा कुमार यह पुरस्कार पाने वाली देश की पहली आईपीएस अधिकारी हैं। इनके पति आईएएस अधिकारी संजय कुमार वर्तमान में सहारनपुर मंडल में कमिश्नर हैं। अपर्णा कुमार हाल ही में जून 2019 को उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अलास्का में स्थित सर्वोच्च चोटी माउंट डेनाली पर तिरंगा फतह करने के साथ ही वह सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर भारत का झंडा लहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी थीं। 13 जनवरी 2019 को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी होने का गौरव भी श्रीमती अपर्णा कुमार को ही प्राप्त है।
ऐसे लगा शौक
मूलत आंध्र प्रदेश की रहने वाली अपर्णा कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के 2002 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह आईटीबीपी के देहरादून ऑफिस में बतौर डीआईजी पोस्टेड हैं। पर्वातारोहण का शौक उन्हें 2012 में लगा, जब वह मुरादाबाद में पोस्टेड थीं। इसके बाद आईटीबीपी के औली ट्रे¨नग सेंटर उन्होंने अपनी इस प्रतिभा को निखारा। अपर्णा कुमार अब तक देश विदेश के कई मुश्किल रास्तों का सफर कर चुकी हैं। साउथ पोल की यात्रा के लिए उनकी टीम में कुल 7 लोग थे, अंत में चंद लोग ही ये यात्रा पूरी कर पाए। इस यात्रा के दौरान उनकी नाक पर बर्फ की वजह से फ्रॉस्ट बाइट (नाक से खून निकलना) हुई, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह किए बगैर अपनी यात्रा जारी रखी।
कमिश्नर को है पत्नी पर गर्व
आइपीएस अपर्णा कुमार के पति कमिश्नर संजय कुमार बताते हैं कि अपनी मेहनत अदम्य साहस व हार न मानने की प्रवृत्ति के कारण अपर्णा ने विश्व की दुर्गम व सर्वोच्च चोटियों पर पहुंचकर तिरंगा लहराया। वह भारत की करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वह प्राप्त किया है, जो अभी तक महिलाओं के लिए नामुमकिन समझा जाता रहा है। वह नारी शक्ति और साहस का जीता जागता उदाहरण हैं।
दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी
अपर्णा 13 जनवरी 2019 को दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी भी हैं। इससे पूर्व उन्होंने 30 अगस्त 2014 को अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर किलमंजारों (तंजानिया), 30 अगस्त 2014 को आस्ट्रेलिया एवं महासागरीय क्षेत्र के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कार्सटेन्सज पिरामिड (इंडोनेशिया), 14 जनवरी 2015 को दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एकोनेकागुआ (अर्जेंटाईना), अगस्त 2015 में यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एल्बरस (रूस), 17 जनवरी 2016 को अंटार्कटिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर विनसन मैसिफ, 21 मई 2016 को एशिया महाद्वीप एवं विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट नार्थ फेस(चीन-तिब्बत) तथा 25 सितंबर 2017 को विश्व के आठवे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर मनासू को फतेह किया था।
2020 का लक्ष्य उत्तरी ध्रुव में तिरंगा
कमिश्नर संजय कुमार ने बताया कि इसके अपर्णा का अगला लक्ष्य अप्रैल 2020 में उत्तरी ध्रुव में तिरंगा लहराकर एक्सक्लूसिव क्लब में प्रवेश करना है, इस कामयाबी के बाद वह इस क्लब में पहुंचने वाली पहली महिला सिविल सर्वेंट व आईपीएस अधिकारी बन जाएंगी।
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