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डाटा फीडिग में गड़बड़ी से दस हजार किसानों की सम्मान निधि अटकी

डाटा फीडिग में हुई गलती के चलते जनपद में करीब दस हजार किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अटक गई है। कृषि विभाग की माने तो यह गड़बड़ी डाटा ठीक से मैच न होने के कारण हुई है। ऐसे किसानों की सूची तैयार कर उनके खातों को दुरुस्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। बैंकों का एक-दूसरे में विलय होना भी इस समस्या का कारण बन रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 08:06 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 08:06 PM (IST)
डाटा फीडिग में गड़बड़ी से दस हजार किसानों की सम्मान निधि अटकी
डाटा फीडिग में गड़बड़ी से दस हजार किसानों की सम्मान निधि अटकी

सहारनपुर, जेएनएन। डाटा फीडिग में हुई गलती के चलते जनपद में करीब दस हजार किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अटक गई है। कृषि विभाग की माने तो यह गड़बड़ी डाटा ठीक से मैच न होने के कारण हुई है। ऐसे किसानों की सूची तैयार कर उनके खातों को दुरुस्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। बैंकों का एक-दूसरे में विलय होना भी इस समस्या का कारण बन रहा है।

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जनपद में 2.99 लाख किसानों ने कृषि विभाग में अपना पंजीकरण कराया था। 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योजना के अंतर्गत सातवीं किस्त जारी की गई तो अनेक किसानों के खातों में उसी दिन पैसा पहुंच गया था, जबकि कुछ किसानों के खातों में आज तक इस योजना की धनराशि नहीं पहुंच पाई। चिलकाना क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जिसमें सभी किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि का पैसा आया हो। खातों में गड़बड़ी के कारण ब्लाक क्षेत्र में हजारों की संख्या में किसानों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। चिलकाना क्षेत्र के गांव अब्दुल्लापुर निवासी फूलचंद सैनी, चिलकाना के मोहल्ला गढ़ी निवासी विजय जैन, मोहल्ला मंदिर जी निवासी हाजी हुसैन, अब्दुल कादिर, सीकरी निवासी प्रेमनाथ, जय सिंह, राधेश्याम तथा सलीरी निवासी सुमेरचंद आदि अनेक किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार कृषि विभाग के ब्लाक कार्यालय से लेकर सहारनपुर स्थित कार्यालय में भूमि की नकल, बैंक पासबुक तथा आधार कार्ड आदि सभी कागजात जमा कर औपचारिकता पूरी की, बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पाया। इसी तरह अहमदपुर गांव के किसान देवेंद्र, किरणपाल व शिवदयाल ने बताया कि 8 दिन बाद भी उनके खातों में धनराशि नहीं आई। इस संबंध में जब विभाग से मालूम किया गया उसने बैंक में पता करने की बात कही। बैंक जाकर मालूम किया गया तो पता चला कि उनका बैंक खाता जिस बैंक में था, उसका विलय दूसरे बैंक में हो गया है और बैंक द्वारा साफ्टवेयर अपडेट करने का काम किया जा रहा है। जबकि बिमला देवी, सौरभ धीमान, निखिल व जतिन धीमान का कहना है कि जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण चल रहा था, उसी दिन दोपहर दो बजे उनके खातों में पैसा आ गया था।

इस संबंध में उप निदेशक कृषि रामजतन मिश्रा का कहना है कि शासन स्तर पर जनपद के 2.99 लाख किसानों के खातों में 59.8 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। जिन किसानों के खातों अभी तक पैसा नहीं आया है या तो उनके खातों में गड़बड़ी रही है या फिर बैंकों का विलय होने के कारण साफ्टवेयर अभी तक अपडेट नहीं हो पाया है।


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