देवबंद में कच्ची शराब का धंधा चरम पर, प्रशासन मौन
देवबंद में कची शराब का धंधा चरम पर है लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग इस तरफ से पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। यदि पुलिस ने अवैध शराब बनाने वालों पर नकेल नहीं कसी तो अलीगढ़ जैसी घटना की यहां भी पुनरावृत्ति हो सकती है।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में कच्ची शराब का धंधा चरम पर है लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग इस तरफ से पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। यदि पुलिस ने अवैध शराब बनाने वालों पर नकेल नहीं कसी तो अलीगढ़ जैसी घटना की यहां भी पुनरावृत्ति हो सकती है। वहीं, प्रभारी निरीक्षक अशोक सोलंकी का कहना है की कच्ची शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
अलीगढ़ में हुए जहरीली शराबकांड के बाद पूरे प्रदेश में आबकारी विभाग और पुलिस की टीमें अवैध शराब बनाने वालों पर शिकंजा कस रही हैं। लेकिन देवबंद क्षेत्र में बड़े पैमाने हो रहे अवैध शराब के धंधे को नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे अवैध शराब बनाने वालों के हौसले बुलंद है। क्षेत्र के कई गांवों के जंगलों में शराब की भट्ठियां धधक रही है। लेकिन शराब माफियाओं पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही है। बता दें कि वर्ष 2018 में जिले में हुए जहरीली शराब कांड में करीब 90 लोग अकाल मौत के गाल में समा गए थे। वर्ष 2009 में भी देवबंद में हुए जहरीले शराब कांड में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी। उक्त घटनाओं से सबक लेते हुए पुलिस को वृहद अभियान चला कच्ची शराब के धंधे से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा क्षेत्र में अपने जहरीले पंजे गड़ा चुका कच्ची शराब का धंधा कभी भी बड़ी घटना का रूप ले सकता है। प्रभारी निरीक्षक अशोक सोलंकी का कहना है की कच्ची शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस धंधे से जुड़े लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।