बारिश से आम सेहतमंद पर लीची की सेहत खराब
बेहट क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश से जहां किसानों व आम के बागवानों के मालिकों के चेहरे खिले हैं वहीं लीची का व्यवसाय करने वालों के माथे पर चिता की लकीरें पड़ने लगी हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। बेहट क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश से, जहां किसानों व आम के बागवानों के मालिकों के चेहरे खिले हैं, वहीं लीची का व्यवसाय करने वालों के माथे पर चिता की लकीरें पड़ने लगी हैं। बारिश के बाद निकलने वाली धूप में लीची में गलन शुरू हो गई है। इस समय लीची का फल बाजार में 70 से 80 रुपये प्रति किलो से बिक रहा है।
जून के अंत में शुरू हुई क्षेत्र में बारिश ने किसानों को बड़ी सौगात दी। सूखी पड़ी धरती को गुरुवार तड़के इंद्रदेव ने जमकर भिगोया। इससे अब बारिश पर आधारित घाड़क्षेत्र की अधिकतर उपजाऊ भूमि पर यहां के किसान मक्का, च्वार, बाजरा व मूंगफली की बुआई में जुट जाएंगे। इसके अलावा इस बारिश से आम बागवानों को भी अच्छा खासा फायदा होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि इस वक्त हुई बरसात से जहां आम के फल का वजन बढ़ेगा, वहीं वह साफ सुधारा भी रहेगा, जिससे बाजार में आम व्यवसायियों को इसके अच्छे दाम मिल सकेंगे। उधर, बारिश जहां बागवानों व किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। वहीं फलों की रानी लीची का व्यवसाय करने वालों के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकती है। इस का व्यवसाय करने वालों का कहना है कि इस समय लीची का फल पक कर पूरी तरह से तैयार है। यह फल अच्छे तापमान में सेहतमंद रहता है, जबकि बारिश होने के बाद खिलने वाली धूप में यह फल फट जाता है और साथ ही इसमें गलन भी शुरू हो जाती है, जो उनके लिए घाटे का सौदा साबित होगा। वैसे भी इस वक्त लीची के फल के बाजार में अच्छे दाम मिल रहे हैं। इनका कहना है कि यदि बरसात के हालात ऐसे ही रहे तो लीची के फल के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है।