18 साल में एक दारोगा को नहीं ढूंढ पाई दो मंडल की पुलिस
गैर जमानती वारंट जारी होने और कुर्की की कार्रवाई के बाद भी दो मंडलों की पुलिस एक दारोगा को 18 साल में पेश नहीं कर पाई है। अदालत ने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिख मामले में शिथिलता बरतने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुरादाबाद डीएम और कोषाधिकारी को दरोगा का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।
सहारनपुर जेएनएन। गैर जमानती वारंट जारी होने और कुर्की की कार्रवाई के बाद भी दो मंडलों की पुलिस एक दारोगा को 18 साल में पेश नहीं कर पाई है। अदालत ने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिख मामले में शिथिलता बरतने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुरादाबाद डीएम और कोषाधिकारी को दरोगा का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।
सीजीएम कोर्ट ने ढिक्का टापरी गांव निवासी संदीप की शिकायत पर 22 दिसंबर 2003 को थाना सरसावा की शाहजहांपुर चौकी के तत्कालीन इंचार्ज हरपाल सिंह को तलब किया था। दारोगा हरपाल व उसके चार सिपाहियों पर संदीप, उसके पिता व घर की महिलाओं से अभद्रता, मारपीट और अवैध हिरासत में रखने का आरोप था। तलबी के 13 साल तक दारोगा पेश नहीं हुआ। वर्ष 2018 में दारोगा हरपाल सिंह मुरादाबाद में तैनात था। उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट व धारा 82/83 सीआरपीसी की कार्रवाई मुरादाबाद भेजी गई। सहारनपुर पुलिस और मुरादाबाद पुलिस फरार दारोगा को न तो गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर सकी और न ही उसकी संपत्ति कुर्क की। 14 मई 2019 को अदालत ने एसएसपी मुरादाबाद से स्पष्टीकरण भी मांगा, लेकिन वह भी नहीं भेजा गया। अदालत में मामला 13 साल से केवल इसलिए लंबित है कि पुलिस ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। इस पर सख्ती बरतते हुए सीजीएम अनिल कुमार ने आदेश में कहा कि लगता है कि पुलिस अपने ही विभाग के अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है। साथ ही एसएसपी सहारनपुर से कहा है कि विशेष टीम गठित कर अभियुक्त हरपाल सिंह को प्रत्येक दशा में गिरफ्तार कर न्यायालय में 22 मार्च 2021 से पूर्व पेश करें। इस आदेश की एक प्रति पुलिस महानिदेशक लखनऊ को भी भेजी जा रही है। जिसमें कहा गया की फरार अभियुक्त दरोगा हरपाल सिंह को न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए संबंधित को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें।
प्रमुख सचिव गृह को भी आदेश की कापी : सीजेएम अनिल कुमार के आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह को भी भेजी जा रही है, ताकि वे फरार दरोगा हरपाल सिंह को गिरफ्तार कर पेश न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें। साथ ही एक प्रति डीएम व मुख्य कोषाधिकारी मुरादाबाद को भी भेजी है। इसमें न्यायालय के अग्रिम आदेश के बिना हरपाल सिंह का वेतन आहरित न किया जाए।