जल संचय कर गांव की सुंदरता बढ़ा रहा रायपुर का तालाब
जल ही जीवन है इसके बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकताजल के बिना जीवन संभव नहीं है जिससे इसको संरक्षण करना व जीवन में आवश्यकता के अनुसार प्रयोग करना बेहद जरूरी है।
सहारनपुर, जेएनएन। जल ही जीवन है इसके बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता,जल के बिना जीवन संभव नहीं है, जिससे इसको संरक्षण करना व जीवन में आवश्यकता के अनुसार प्रयोग करना बेहद जरूरी है। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाली पीढि़यों के लिए जल नहीं बचेगा। भूजल स्तर को स्थिर व अथवा बढ़ाने के लिए तालाब के देखभाल करना जरूरी है।
नानौता ब्लाक के गांव के भाबसी रायपुर के प्रवेश मार्ग पर स्थित तालाब गांव की पहचान दिला रहा है। गांव के नजदीक होने से जब यह बरसात में लबालब भर जाता है तो उसकी सुंदरता सबको अच्छी लगती है। समय-समय पर इसकी साफ-सफाई कराई जाती है। लगभग 18 बीघा में फैले इस तालाब में वर्षों से मत्स्य पालन हो रहा है ठेकेदार द्वारा इसकी सफाई करवाई जाती रही, लेकिन वर्तमान में जहां तालाब के किनारे पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया गया है। वहीं इसके कुछ भाग में समुद्र सोक पैदा हो गया, जिसे ठेकेदार द्वारा सफाई कराए जाने की योजना तैयार की गई है। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान बरेश के प्रतिनिधि रामनाथ सिंह का कहना है कि योजना तैयार कर इस तालाब का सौंदर्य करण कराया जाएगा। इसके अलावा गांव में छोटे-छोटे और भी दो तालाब हैं, जिसमें बरसात में जल संचय होता है।
पूर्व प्रधान रहे रामकिशन राणा ने भी समय-समय पर इसकी सफाई कराई थी जिससे कभी भी तालाब का जलस्तर कम नहीं हो पाता है।
डीजल के बढ़ते दामों से ट्रांसपोर्ट स्वामी परेशान
सहारनपुर: डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि तथा भीषण मंदी के दौर में माल बुकिग में प्रतिस्पर्धा से ट्रांसपोर्ट्स परेशान हैं। सहारनपुर ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन ने माल बुकिग व डिलीवरी शुल्क लगाने की योजना पर मंथन शुरू कर दिया है।
टीपी नगर में संपन्न हुई बैठक में एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार पीपी सिंह, ललित पोपली ने कहा की डी•ाल की कीमतों मे अत्याधिक वृद्धि होना चिता का विषय है। कहा कि परिवहन जगत डीजल का सबसे बड़ा खरीदार है तथा यह मुद्दा व्यवसाय व रोजगार से सीधे जुड़ा है। लाकडाउन में माल की मांग और उत्पादन मे गिरावट आने तथा आवश्यक सामग्री का ढुलान न्यूनतम और बाजारो के बंद रहने से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा का दौर पहली बार देखा गया है, जो भाड़ा वर्तमान में लिया जा रहा है। यह उस समय का है जब डी•ाल 50-60 रुपये प्रतिलीटर होता था। उन्होंने परिवहन व्यवसाय को बचाने के लिए प्रति बुकिग बिल्टी व डिलीवरी चार्ज 20-20 रुपये करने की मांग भी की। संयोजक राजीव कालिया ने कहा कि इस मसले पर सभी परिवहन व्यवसायियों से सीधा संवाद स्थापित करके ही निर्णय लिया जाना चाहिए। एसोसिएशन अध्यक्ष ब्रित चावला ने कहा कि रोजगार बचाने को माल भाड़ा बढ़ाया जाना जरूरी है। इस दौरान संयम कक्कड़, रोबिन मोंगा, निशा साहनी, भाई सुनील, रवि गुप्ता, जगदीश गिरधर, प्रेम शर्मा, मुकेश दत्ता आदि परिवहन व्यवसायी मौजूद रहे।