आक्सीजन को भटक रहे लोग, वेंटीलेटर की भी भारी कमी
कोरोना के कहर के बीच आक्सीजन मरीजों की जरूरत बन रही है लेकिन जिले में आक्सीजन का संकट कम होने का नाम नहीे ले रहा है। सबसे अधिक समस्या निजी अस्पतालों में आ रही है। बुधवार को सक्षम अस्पताल के संचालक ने बाहर बोर्ड लगा दिया कि आक्सीजन नहीं होने के कारण कोरोना के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएंगे। यहां पर 13 मरीज ऐसे हैं जिन्हें आक्सीजन की सख्त जरूरत है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना के कहर के बीच आक्सीजन मरीजों की जरूरत बन रही है, लेकिन जिले में आक्सीजन का संकट कम होने का नाम नहीे ले रहा है। सबसे अधिक समस्या निजी अस्पतालों में आ रही है। बुधवार को सक्षम अस्पताल के संचालक ने बाहर बोर्ड लगा दिया कि आक्सीजन नहीं होने के कारण कोरोना के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएंगे। यहां पर 13 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें आक्सीजन की सख्त जरूरत है। उनकी जान खतरे में हैं। इसी तरह से बाकी अस्पतालों में आक्सीजन तो है, लेकिन नाममात्र। मेडिकल कालेज में लगाया गया प्लांट अभी आधा चालू हुआ है। यह केवल मेडिकल कालेज के मरीजों के लिए ही आक्सीजन का उत्पादन कर पा रहा है।
शहर में दिल्ली रोड स्थित वी-ब्रास अस्पताल में 20 वेंटीलेटर है। 40 बेड है। सक्षम अस्पताल में छह वेंटीलेटर है। 15 बेड है। केयर पार्टनर अस्पताल में तीन वेंटीलेटर है। 15 बेड है। मां जगदंबा में तीन वेंटीलेटर और 20 बेड है। मेगा केयर अस्पताल में चार वेंटीलेटर और 50 बेड है। इसके अलावा मेडिकल कालेज पिलखनी में 400 बेड है। 60 वेंटीलेटर है। वहीं, ग्लोकल मेडिकल कालेज में भी 201 बेड और 60 वेंटीलेटर है। फतेहपुर सीएचसी में 40 बेड की सुविधा है। यहां पर नौ वेंटीलेटर है। वेंटीलेटर और बेड का आंकड़ा तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिया जा रहा है, लेकिन आक्सीजन को लेकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। बुधवार को 13 मरीजों के स्वजनों ने उस समय हंगामा कर दिया, जब यहां पर अस्पताल संचालक ने बाहर बोर्ड लगा दिया कि आक्सीजन नहीं है। इसलिए कोरोना के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा।
यह हुआ तो काफी रहत मिलेगी
ग्लोकल मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि उनका मेडिकल कालेज 35 आक्सीन आक्सीन के कंसट्रेटर लगाने जा रहा है। इसके लिए 25 लाख रुपये का रसिया की कंपनी को भी भुगतान कर दिया है। अनुमान है कि यह सभी कंसट्रेटर 12 मई तक चालू हो जाएंगे। रसिया की कंपनी ने भरोसा दिया है। इसी तरह से मेडिकल कालेज पिलखनी में भी पूरा प्लांट चालू होने और तीसरा कंसट्रेटर लगने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी।