घर में करें वुजू, मस्जिदों में पढ़ें केवल फर्ज नमाज
इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े मरकज दारुल उलूम वक्फ देवबंद के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने शासन-प्रशासन द्वारा 8 जून से धार्मिकस्थलों को खोलने की अनुमति दिए जाने का स्वागत किया। उन्होंने नमाज के दौरान मस्जिदों में खास एहतियात बरतने की अपील की है । संस्था ने प्रत्येक नमाज से पूर्व 10 बिदुओं पर आधारित गाइडलाइन भी जारी की है।
सहारनपुर जेएनएन। इस्लामी तालीम के दूसरे बड़े मरकज दारुल उलूम वक्फ देवबंद के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने शासन-प्रशासन द्वारा 8 जून से धार्मिकस्थलों को खोलने की अनुमति दिए जाने का स्वागत किया। उन्होंने नमाज के दौरान मस्जिदों में खास एहतियात बरतने की अपील की है । संस्था ने प्रत्येक नमाज से पूर्व 10 बिदुओं पर आधारित गाइडलाइन भी जारी की है।
दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि आठ जून से मस्जिदें भी खुल रही हैं। कोरोना का कहर अभी थमा नहीं है। ऐसे में खासी एहतियात बरतने की जरूरत है। घरों से वुजू करके जाएं और मस्जिदों में केवल फर्ज नमाज अदा की जाए। सुन्नतें व नफिल घर पर ही पढ़ी जाएं। उन्होंने मस्जिद के प्रबंधकों से आह्वान किया कि मस्जिदों में सफें न बिछाई जाएं। नमाज और अजान में ज्यादा वक्त न रखें और इमाम भी नमाज मुख्तसर (छोटी) पढ़ाएं। जमात के दौरान नमाजियों में शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाए। पांच बार मस्जिद के फर्श और दीवारों का सेनिटाइजेशन कराना बेहतर होगा।
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मॉस्क लगाएं, गले मिलो न हाथ मिलाओ
मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि नमाजी मास्क लगाकर मस्जिद में आएं और मुलाकात के वक्त न तो किसी से गले मिलें और न ही मुसाफा (हाथ मिलाना) करें।