जीएसटी नियमों की जानकारी होने पर ही चला सकेंगे उद्योग-व्यापार : चावला
जीएसटी विशेषज्ञ विक्रम चावला ने कहा कि जीएसटी उद्यमियों एवं व्यापारियों की सुविधा के लिए बना था लेकिन यह अपने उद्देश्य में विफल रहा। ऐसी ही टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले में की है।
सहारनपुर, जेएनएन। जीएसटी विशेषज्ञ विक्रम चावला ने कहा कि जीएसटी उद्यमियों एवं व्यापारियों की सुविधा के लिए बना था, लेकिन यह अपने उद्देश्य में विफल रहा। ऐसी ही टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले में की है। इसलिए उद्यमियों को जीएसटी के नियमों के बारे में जागरूक होना पडे़गा तभी उद्योग एवं व्यापार को चला सकते हैं।
जीएसटी विशेषज्ञ विक्रम चावला आइआइए के उद्यमियों के साथ वेबिनार में उद्यमियों द्वारा जीएसटी को लेकर आ रही परेशानी पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों द्वारा जो समस्याएं बताई गई हैं, वह सभी समस्याएं विभाग के संज्ञान में हैं, लेकिन विभाग इन समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ है। इसके लिए संगठन के माध्यम से एकजुट होकर जीएसटी काउंसिल में बात रखनी होगी, तभी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी के नियमों का बदलाव 1 अप्रैल 2021 से होना था, लेकिन विज्ञप्ति जारी न होने के कारण अभी यह नियम लागू नहीं हुए है। इनमें से मुख्य बदलाव इस प्रकार है कि पहले माल पकड़ा जाता था तो टैक्स के बराबर में उतनी पेनाल्टी व गाड़ी सीज होती थी, लेकिन नया प्रावधान आ रहा है कि अब माल पकड़े जाने पर टैक्स कोई जमा नहीं होगा लेकिन पेनाल्टी पहले की अपेक्षा दोगुनी देनी होगी और गाड़ी छोड़ने के लिए ट्रांसपोर्टर को 1 लाख धनराशि जमा करनी होगी। जिनका वार्षिक टर्न ओवर 50 करोड़ से ऊपर है, उनके लिए 1 अप्रैल 2021 से बी-2 बी में ई-इनवाइसिस अनिवार्य कर दी गई है। डीआरसी-03 में कोई भी धनराशि जल्दबाजी में जमा न करें और बहुत की सोच-समझकर डीआरसी-03 का प्रयोग करें। इस मौके पर आइआइए के चैप्टर चेयरमैन रविद्र मिगलानी, महासचिव राजेश सपरा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामजी सुनेजा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके धवन, सचिव संजय बजाज, मंडल अध्यक्ष प्रमोद सडाना, कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह अरोड़ा, एस कुमार, संदीप कूपर, चिराग सुनेजा, विनय दहुजा, आशीष मिगलानी, रोहित सपरा, एचएस चड्ढा, योगेश कुमार, घनश्याम माहेश्वरी, एमपी दीक्षित, मनु बंसल, रोहित गिरधर, शिव अरोड़ा, दीपांश बजाज आदि रहे।