एनएचएम संविदा कर्मचारी हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
गंगोह में एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर स्वास्थ संविदाकर्मी विभिन्न मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर कोविड टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई।
सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर स्वास्थ संविदाकर्मी विभिन्न मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर कोविड टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई।
एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर गंगोह सीएचसी पर कार्यरत 80 संविदाकर्मी पिछले चार दिन से अपनी सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में काम बंद कर हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों डा. जगदीश, डा. विश्वजीत, डा. दिव्या वर्मा, डा. सुल्ताना, कुरबान अली फार्मासिस्ट विपिन सैनी, हिमांशु, दीपा, वैभव, अरशद, प्रियंका, रेशम, मोहित, संजय आदि का कहना है कि प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों के आह्वान पर जनपद में कोविड टीकाकरण सहित समस्त स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने का फैसला किया गया है।
इन कर्मचारियों का कहना है कि वेतन की मांग पूरी नहीं हो पाई है, जबकि प्रदेश के अंदर समस्त संविदाकर्मी अपनी जान पर खेलकर कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने में दिन रात ड्यूटी में लगे हुए हैं। अन्य कोई इन्श्योरेन्स या लाभ मिशन निदेशक स्तर से संविदाकर्मियों को प्राप्त नहीं है। हड़ताल से आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर कोविड टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नजर आ रही हैं। सीएचसी प्रभारी डा. रोहित वालिया का कहना है कि हड़ताल से कोई खास फर्क नही पड़ा है। स्थायी कर्मचारियों से सभी स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को दी जा रही हैं।
प्रशासन ने किसान नेताओं को किया नजरबंद
देवबंद: पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री और यूपी के सीएम की सभा में जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने किसान नेताओं को उनके घरों में कैद कर दिया। प्रशासन का यह कठोर कदम निदनीय है।
गुरुवार को गांव गंगदासपुर जट्ट स्थित अपने घर में नजरबंद किसान नेता भगत सिंह वर्मा ने कहा कि क्षेत्र के किसान पुवांरका में आयोजित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी की रैली में जाकर उन्हें बकाया गन्ना मूल्य भुगतान समेत अपनी मांगों से अवगत कराना चाहते थे, लेकिन शासन ने प्रशासन का प्रयोग करते हुए किसानों की आवाज दबा दी। सरकार किसानों, मजदूरों और गरीबों का जितना शोषण करेगी। भाजपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में उतना ही नुकसान उठाना पड़ेगा।
वर्मा ने बताया कि उनके अलावा पुलिस ने पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक को भी उनके घर नजरबंद कर किया था।