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सड़क किनारे मिली इस्तेमाल की गई पीपीई किट और ग्लब्स

कोरोना संक्रमण के बीच नगर में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। रविवार को रणखंडी रेलवे फाटक के समीप सड़क किनारे एक प्लाट में इस्तेमाल हुई पीपीई किट व अन्य वेस्टेज पड़ी मिली। जानकारी होने पर एसडीएम भी मौके पर पहुंचे और वेस्ट किट को सील कराते हुए जांच के आदेश दिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 11:58 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 11:58 PM (IST)
सड़क किनारे मिली इस्तेमाल की गई पीपीई किट और ग्लब्स
सड़क किनारे मिली इस्तेमाल की गई पीपीई किट और ग्लब्स

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच नगर में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। रविवार को रणखंडी रेलवे फाटक के समीप सड़क किनारे एक प्लाट में इस्तेमाल हुई पीपीई किट व अन्य वेस्टेज पड़ी मिली। जानकारी होने पर एसडीएम भी मौके पर पहुंचे और वेस्ट किट को सील कराते हुए जांच के आदेश दिए।

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सरकार के स्पष्ट आदेश हैं की इस्तेमाल किए गए ग्लब्स व पीपीई किट आदि को तुरंत नष्ट कर दिया जाए। लेकिन इसके इतर इस मामले में लगातार लापरवाही सामने आ रही है। रविवार को राहगीरों ने देखा कि सड़क किनारे एक प्लाट में इस्तेमाल की गई पीपीई किट और ग्लब्स आदि पड़े है और आवारा कुत्ते इन्हें मुंह में दबाकर इधर उधर लेकर घूम रहे है। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना प्रशासन को दी। सूचना पाकर एसडीएम राकेश कुमार मौके पर पहुंचे। उनके आदेश पर स्वास्थ्य विभाग कर्मियों ने सड़क किनारे प्लाट में पड़ी पीपीई किट, ग्लब्स, दवाओं के खाली डिब्बे और रुई आदि सामान को सील किया। वहीं, सीएचसी प्रभारी डा. इंद्राज सिंह का कहना है कि रणखंडी रेलवे फाटक के समीप मिले वेस्टेज पर मुजफ्फरनगर की एक प्राईवेट लैब का नाम है। सभी सामान को सील कर मामले में गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। रजबाहा पटरी क्षतिग्रस्त होने दुर्घटनाओं का सड़क दूधली: हीराहेड़ी - बोंदकी गांव के बीच रजबाहा पटरी की सड़क कटने से दुर्घटनाओं का खतरा पैदा हो गया है। क्षतिग्रस्त सड़क को ठीक नहीं किए जाने से ग्रामीणों में रोष है।

कलसिया टेल से हीराहेड़ी, सरकडी शेख व जमालपुर होकर रिमाउंट डिपो को जाने वाले नगला राजबाहे की पटरी हीराहेड़ी - बोंदकी के बीच बुरी तरह कट गई है। ग्रामीणों सुधीर कुमार, अनिल कुमार, फुरकान व तहसीन आदि का कहना है कि इस सड़क से एक दर्जन से अधिक गांव जुड़े हैं।

अधिकतर लोगों का बाइक द्वारा इसी पटरी से आना जाना रहता है। पटरी कटने से कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। रात के समय तो टूटी सड़क दूर से दिखाई नहीं देने के कारण खतरा और अधिक बढ़ जाता है। विभागीय अधिकारियों को अवगत कराए जाने के बावजूद पटरी को ठीक नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने टूटी सड़क को ठीक कराने की मांग की है।


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