गलत तरीके मास्क पहनना, नहीं पहनने के बराबर : डा. गर्ग
कोविड-19 की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। लिहाजा हर कोई इसके संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। यही कारण है कि देश-दुनिया के शहरों में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोविड-19 की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। लिहाजा हर कोई इसके संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। यही कारण है कि देश-दुनिया के शहरों में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है।
यह जरूरी है कि मास्क पहनने का तरीका भी सही हो, गलत तरीके से मास्क पहनना न पहनने के बराबर है। लोग सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि मास्क पहनने के बाद वे बेचैन हो जाते हैं, और उसे नाक से नीचे खींच लेते हैं या चेहरे से पूरी तरह हटाकर गले तक ले आते हैं, जो गलत है।
शहर के प्रतिष्ठित सर्जन डा. संदीप गर्ग ने बताया कि कोरोना से बचना है तो मास्क पहनना जरूरी है। साथ ही भीड़भाड़ में शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ ही समय-समय पर हाथ धोते रहें। मल्टीस्टोरी के लोग मास्क पहनकर बाहर आएं, क्योंकि लिफ्ट-सीढ़ी जैसी जगह संक्रमित हो सकती हैं। साथ ही मास्क पहनने से पहले-बाद में साबुन से हाथ धोएं। फंदों से बांधें-खोलें। मुख्य भाग न छुएं। उन्होंने बताया कि मास्क पहनने के बाद इन बातों का पालन भी जरूरी है। मास्क इस तरह पहनें कि यह नाक के ऊपरी हिस्से से नीचे तक के हिस्से को ढके। इसे इस तरह बांधा जाए कि यह चेहरे पर आरामदायक रूप से कसा रहे। बाईं या दाईं ओर भी कोई गैप न रहे। मास्क इतना ढीला भी नहीं होना चाहिए कि दाईं व बाईं तरफ गैप रहे और यह नीचे से झूलता रहे। ऐसे में दूसरों की छींक या खांसी से निकले बारीक कण मुंह-नाक में प्रवेश कर सकते हैं। मास्क को मुंह या ठुड्डी से हटाकर गले पर न रखें। यह जोखिमभरा है। मास्क इस तरह न पहनें कि उससे सिर्फ आधी नाक ही ढके।