महायोजना-2031 में उद्योगों के लिए आरक्षित होगी भूमि
सहारनपुर विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 में उद्योगों के लिए भूमि आरक्षित की जाएगी। उद्यमियों ने इसके लिए प्राधिकरण को चार स्थानों के लिए प्रस्ताव दिए हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर विकास प्राधिकरण की महायोजना-2031 में उद्योगों के लिए भूमि आरक्षित की जाएगी। उद्यमियों ने इसके लिए प्राधिकरण को चार स्थानों के लिए प्रस्ताव दिए हैं। महानगर को बाइपास से जोड़ने वाले स्थानों के निकट ये भूमि आरक्षित करने की संभावना है। वहीं बाइपास के दोनों ओर के गांवों का डाटा अभी तहसीलों ने प्राधिकरण को नहीं भेजा है।
प्राधिकरण के प्लान-2021 को लागू करने में आई कठिनाइयों को महायोजना-2031 में सिरे से दूर करने की कसरत शुरू हो चुकी है। प्राधिकरण बोर्ड की गत माह हुई बैठक में इस पर मंथन किया गया था। बैठक के दौरान सदस्यों व आर्किटेक्ट एसोसिएशन ने भी कई अहम सुझाव रखे थे। उद्यमियों के संगठन ने प्राधिकरण को दिए प्रस्ताव में महायोजना-2031 में उद्योगों के लिए नए स्थानों पर भूमि आरक्षित करने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव इसलिए भी अहम है कि महानगर के हर क्षेत्र में आबादी का विस्तार हो रहा है, ऐसे में कुछ औद्योगिक क्षेत्र भी आबादी से घिरते जा रहे हैं। उद्योगों से होने वाले प्रदूषण आदि को आबादी से दूर रखने की दिशा में भूमि आरक्षित करने के प्रस्ताव को अहम माना जा रहा है। पंचकूला-हरिद्वार हाईवे के जिले में पड़ने क्षेत्र के दोनों ओर उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं हैं। उद्योगों के बाइपास के निकट होने से कच्चे माल के साथ ही तैयार माल की आपूर्ति सुविधाजनक तरीके से हो सकेगी। उद्यमियों के प्रस्ताव के अनुसार बाइपास के निकट चार स्थानों को चिन्हित करते हुए महायोजना में भूमि आरक्षित करने का प्रस्ताव दिया गया है। महायोजना में इन प्रस्तावों को शामिल किए जाने की संभावना है। उधर, बाइपास के दोनों ओर के गांवों का डाटा अभी तक तहसीलों द्वारा प्राधिकरण को नहीं भेजा गया है, जिससे बाइपास के दोनों ओर 500 से 800 मीटर के एरिये को नियमानुसार निर्माण के लिए स्वीकृति अनिवार्य होगी ताकि इस एरिये में अंधाधुंध निर्माण पर अंकुश लगाया जा सके। प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि उद्यमियों द्वारा महायोजना में भूमि आरक्षित करने का प्रस्ताव दिया गया है।