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आख्या रिपोर्ट नहीं भेजने से कमिश्नर नाराज, दिए जांच के आदेश

देवबंद में जमीन खरीद घोटाले के मामले में मंडलायुक्त द्वारा स्थानीय प्रशासन से सात दिन के अंदर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए गए थे जिसमें लापरवाही बरती गई। आलम यह है कि राजस्व विभाग द्वारा एक पखवाड़े के बाद भी मंडलायुक्त को अपनी आख्या रिपोर्ट नहीं भेजी गई जिससे नाराज मंडलायुक्त ने पूरे प्रकरण की दो स्तरीय जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 07:39 PM (IST)
आख्या रिपोर्ट नहीं भेजने से कमिश्नर नाराज, दिए जांच के आदेश
आख्या रिपोर्ट नहीं भेजने से कमिश्नर नाराज, दिए जांच के आदेश

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में जमीन खरीद घोटाले के मामले में मंडलायुक्त द्वारा स्थानीय प्रशासन से सात दिन के अंदर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए गए थे, जिसमें लापरवाही बरती गई। आलम यह है कि राजस्व विभाग द्वारा एक पखवाड़े के बाद भी मंडलायुक्त को अपनी आख्या रिपोर्ट नहीं भेजी गई, जिससे नाराज मंडलायुक्त ने पूरे प्रकरण की दो स्तरीय जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं। मामले की जांच ऊर्जा निगम के मुख्य अधिकारी को सौंपी गई है, जो जांच कर आख्या प्रशिक्षित करेंगे।

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सहारनपुर मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे पर स्थित गांव शाहपुर में 220 केवीए के निर्माणाधीन बिजली घर के लिए खरीदी गई जमीन में हुए करोड़ों का घोटाला अधिकारियों की नींद उड़ा आए हुए है। प्रकरण में विगत 15 दिन पूर्व मंडलायुक्त एवी राजामौली ने स्थानीय प्रशासन को जांचकर सात दिन के भीतर आख्या रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, जो निर्धारित समय में नहीं दी गई। मामले में शिकायतकर्ता प्रिस कुमार ने फिर से मंडल आयुक्त से शिकायत कर स्थानीय अफसरों पर रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया। जिस पर मंडलायुक्त ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। ऊर्जा निगम के मुख्य अधिकारी ज्ञानचंद झा को भी जांच के लिए लगाया है।

बता दें कि विगत दिनों पूरे प्रकरण को लेकर गांव के लोगों व संगठनों द्वारा समाजसेवी प्रिस कुमार के नेतृत्व में मंडलायुक्त से शिकायत कर आरोप लगाया था कि गाटा संख्या 260 भूमि को सड़क पर दर्शाकर अधिक मूल्य ऊर्जा निगम से लिया गया, जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारी भी संलिप्त हैं। आरोप लगाया उक्त पूरे खेल में ऊर्जा निगम को करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। लेकिन शिकायत के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन पूरे प्रकरण पर खामोश है।

किसानों का आरोप है कि चर्चित भूमाफिया द्वारा अपने राजनीतिक संबंधों व रुपये के बल पर फर्जी रिपोर्ट के आधार पर खसरा नंबर 260 की भूमि को आबादी में दर्ज कराया। इसके बाद ऊर्जा निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर अतिरिक्त दो करोड़ रुपये की राशि ऊर्जा निगम से ली गई।

उधर, तहसीलदार हर्ष चावला ने बताया पूरे प्रकरण में हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षक द्वारा जांच की जा रही। जल्द ही जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी जाएगी।

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घटिया निर्माण सामग्री लगाने की भी होगी जांच

गांव शाहपुर में निर्माणाधीन बिजली घर जहां जमीन खरीद के मामले में करोड़ों का घोटाला चर्चा में है वहीं बिजली घर निर्माण में घटिया सामग्री के मामले की भी जांच जिलाधिकारी अखिलेश सिंह द्वारा शुरू करा दी गई है। मामले में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन जल्द ही पूरे प्रकरण को लेकर शासन की बड़ी कार्रवाई नजर आ सकती है।


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