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नाम का जन औषधि केंद्र, खांसी-जुकाम तक की दवा नहीं

सरकारी मेडिकल स्टोर में दवाएं है लेकिन जो दवाए नहीं है उसके लिए मरीज जनऔषधि केंद्र जाता है। वहां भी मांग के अनुरूप दवाओं का स्टॉक आता है लेकिन प्रदेश भर में दवाओं की कमी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 10:22 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:07 AM (IST)
नाम का जन औषधि केंद्र, खांसी-जुकाम तक की दवा नहीं
नाम का जन औषधि केंद्र, खांसी-जुकाम तक की दवा नहीं

सहारनपुर जेएनएन। जन सुविधा के लिए खोले गए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का हाल बेहाल है। मरीजों को सस्ती जेनरिक दवाएं मिलें यही सोच कर जन औषधि केंद्र खोले गए थे, लेकिन स्थिति ये है कि यहां सामान्य रोग की भी दवा उपलब्ध नहीं है। सस्ती दवाओं की उम्मीद मरीज केंद्र पर आते हैं, लेकिन दवा न मिलने पर निराश लौट रहे हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों के पास प्राइवेट मेडिकल स्टोर जाने के सिवाए दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता।

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मानक के अनुसार जन औषधि केंद्रों पर 750 तरह की दवाएं होनी चाहिए। लेकिन जिले में चल रहे केंद्रों पर आज तक 200 प्रकार की दवाएं भी बामुश्किल ही उपलब्ध हो सकी हैं। जिले में रणजीत नगर, लेबर कालोनी, नूर बस्ती, पिलखनी, नानौता, बेहट, कलसिया, जिला अस्पताल, पिलखनी स्थित मेडिकल कॉलेज सहित 15 जगह जन औषधि केंद्र खोले गए थे। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में इस दावे के साथ जनऔषधि केंद्र का उदघाटन किया गया था कि, यहां मरीजों को सस्ती दवाएं मिलेंगी। लेकिन सभी दावे हवाई साबित हुए।

जिला अस्पताल में चल रहे स्टोर के फार्मासिस्ट रजत सैनी के अनुसार उनके व मेडिकल कॉलेज वाले स्टोर पर सिर्फ ब्लड प्रेशर व शुगर की दवाओं का मात्र 60-65 फीसद ही स्टॉक है। बताया कि दवाओं की लिस्ट भेजने के बावजूद केंद्र पर दवाएं नहीं पहुंच पाती है। हालांकि प्राइवेट जगह जो स्टोर चल रहे हैं, उसमें से कुछ जगह दवाओं की खेप समय से व पर्याप्त मात्रा में पहुंच जाती है। दवा न मिलने के कारण जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के जन औषधि केंद्र पर लोगों ने आना ही बंद कर दिया है।

इनका कहना है

गांव घोघरेकी निवासी फुल्ला सिंह गुरुवार को जुखाम की दवा लेने जन औषधि केंद्र गए थे। फुल्ला ने बताया कि उसे सलाह दी गई कि दवा बाहर से खरीद लो, क्योंकि यह दवा सरकारी मेडिकल स्टोर पर भी नहीं है।

लेबर कॉलोनी से मुंह में छालों की दवा लेने पहुंची उर्मिला देवी को भी अस्पताल के औषधि केंद्र पर दवा नहीं मिली। इसके बाद वह जन औषधि केंद्र पहुंची तो वहां दवा नहीं मिली। उन्हें भी बाहर से दवा लेने की सलाह दी गई।

गांव मानकमऊ निवासी प्रमोद खांसी और जुकाम की दवा लेने जिला अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने जो दवा लिखी वह अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर नहीं मिली। इसके बाद वह जन औषधि केंद्र पहुंचा, लेकिन वहां भी खांसी का सीरप नहीं मिला।

जन औषधि केंद्र पर मिली थी एक्सपायर दवाएं

जनवरी माह में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान अव्यवस्था मिलने पर नाराजगी व्यक्त की थी। जन औषधि केंद्र में 32 दिन पूर्व एक्सपायर हो चुकी दवाएं रखी मिलीं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को जन औषधि केंद्र पर नजर रखने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इन्होंने कहा..

सरकारी मेडिकल स्टोर में दवाएं है लेकिन जो दवाएं नहीं है, उसके लिए मरीज जन औषधि केंद्र जाता है। वहां भी मांग के अनुरूप दवाओं का स्टॉक आता है लेकिन प्रदेश भर में दवाओं की कमी चल रही है। रिमाइंडर भेजे गए हैं, जल्द ही दवाओं का स्टॉक आ जाएगा।

-डा. बीएस सोढ़ी, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी।


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