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मेवशियों की लगातार हो रही मौत से ग्रामीणों में हड़कंप

नगर के निकटवर्ती ग्राम ढायकी में निमोनिया से संक्रमित दो पशुओं की मौत हो गई। जबकि कई मवेशी बीमार है। गांव में दो दिन पूर्व ईश्वर सिंह की भैंस की मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 10:55 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 10:55 PM (IST)
मेवशियों की लगातार हो रही मौत से ग्रामीणों में हड़कंप
मेवशियों की लगातार हो रही मौत से ग्रामीणों में हड़कंप

सहारनपुर जेएनएन। नगर के निकटवर्ती ग्राम ढायकी में निमोनिया से संक्रमित दो पशुओं की मौत हो गई। जबकि कई मवेशी बीमार है। गांव में दो दिन पूर्व ईश्वर सिंह की भैंस की मौत हो गई थी। सोमवार को निवर्तमान ग्राम प्रधान की भैंस की भी अचानक मौत हो गई। लगातार मवेशियों की मौत से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे पशु चिकित्सा अधिकारी डा. विरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पशुओं की मौत निमोनिया से हुई है। अधिकतर यह बीमारी बरसात के मौसम के बाद आती है किन्तु सर्दी में भी इसका प्रकोप देखने को मिलता है। बीमारी का पता चलते ही डाक्टरों की टीम ने गांव में सभी पशुओं को टीके लगाने शुरू कर दिए हैं।

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संक्रमित पशुओं में निमोनिया या गलघोंटू के दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है। गले में सूजन, मुंह से लगातार लार गिरती है, पशु की जीभ बाहर आना। पशु चिकित्साधिकारीने बताया कि पशुओं को हरा चारा न डालें केवल भूसा खिलाएं। एक से अधिक पशु है तो अलग अलग चारा खिलाएं व पानी भी बाल्टी से अलग अलग पिलाये। चूंकि यह संक्रामक बीमारी है जिसकी मृत्यु दर भी अधिक होती है। पशुओं के बाड़े में चूने का छिड़काव करें। पशुओं को सर्दी से बचाएं। इस दौरान पशुधन प्रसार अधिकारी प्रताप सिंह, सचिन कुमार, शिवकुमार आदि मौजूद रहे।

मौन पालन से किसान आय को करें दोगुनी: बृजेश सिंह

सहारनपुर। क्षेत्र के बाबा नारायणदास जूड़ मंदिर में एक दिवसीय मौन प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों, क्षेत्रीय विधायक, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

रविवार को थाना क्षेत्र के गांव जड़ौदापांडा में स्थित बाबा नारायण दास जूड़ मंदिर में एक दिवसीय मौन प्रबंधन प्रशिक्षण का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक कुवंर ब्रिजेश सिह ने कहा कि मौन पालन किसानों और भूमिहीन ग्रामीणों की आय बढ़ाने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। उन्होनें कार्यक्रम में आए वैज्ञानिकों से अनुरोध किया कि वैज्ञानिक किसानों की आय को दोगुना कराने में अहम भूमिका निभाएं। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ से आए निखिल कुमार त्यागी, डा. एसके संचान, डा. गजे सिंह और कीट विज्ञान विभाग ने मौके पर मौजूद किसानों को मौन पालन से होने वाले लाभ, आय और उत्पादों की विस्तृत जानकारियां दी। वहीं विज्ञान केन्द्र सहारनपुर से आए डा. इन्द्र कुमार कुशवाहा ने किसानों को बताया कि नीति आयोग भारत सरकार द्वारा चयनित ग्रामों के किसानों को मौन पालन का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने किसानों को किसान उत्पादक संघ बनाकर मौन पालन करने और उससे अधिक आय लेने की विस्तृत जानकारी दी। अनुज कुमार त्यागी रीजनल सेक्रेटरी यूनियन बैंक व मैनेजर प्रशांत कुमार कैनेरा बैंक ने किसानों को बैंक की योजनाओं के बारे में बताया। इस दौरान दर्जनों गांव से आए किसान मौजूद रहे।


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