आंदोलन में हिस्सा लेने को जिले के सैंकड़ों किसान गाजीपुर बार्डर पहुंचे
नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल होने को जिले
जेएनएन, सहारनपुर। नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल होने को जिलेभर के सैकड़ों किसान गुरुवार को गाजीपुर बार्डर पहुंच गए हैं। किसान एकता जिदाबाद, स्व. महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहे के नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में किसान सवेरे ही सड़कों पर नजर आए और अपने-अपने वाहनों से दिल्ली के लिए निकल पड़े।
नागल: सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक के विरुद्ध किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए किसानों के जाने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को भी नागल क्षेत्र से 200 से अधिक किसान भाकियू (टिकैत) के जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में दिल्ली रवाना हुए। इस अवसर पर भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक के खिलाफ देशभर के किसान संगठन एकजुट हैं यदि शीघ्र ही इस काले कानून को सरकार ने वापस नहीं लिया तो देशभर में उग्र आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी से कम कीमत पर खरीद को अपराध घोषित करें तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहने की लिखित गारंटी दे। किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा। जिला अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं। इस दौरान उनके साथ ब्लॉक अध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह ,युवा ब्लाक अध्यक्ष सुमित चौधरी, मनीष कुमार, भूपेंद्र त्यागी, बलबीर सिंह, इमरान प्रधान प्रमिल चौधरी आदि रहे।
गंगोह : सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों का यहां के किसानों ने भी विरोध आरंभ कर दिया है। भाकियू के ब्लाक अध्यक्ष बृजपाल सैनी के नेतृत्व में नगर अध्यक्ष मेहरबान कुरैशी, अशोक कुमार, जहांगीर आदि किसान बृहस्पतिवार को आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए। ब्लाक अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को केंद्र सरकार के काले कानून किसी भी दशा में स्वीकार नहीं हैं।
रामपुर मनिहारान: गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के मंडल महासचिव चौधरी जगपाल सिंह के नेतृत्व में ब्लाक से दर्जनों कार्यकर्ता अपने-अपने वाहनों से मेरठ के लिए निकले जहां भाकियू का जत्था दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा। चौधरी जगपाल सिंह ने कहा भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली पहुंचेंगे और उनके नेतृत्व में किसानों की लड़ाई को लड़ा जाएगा। किसानों के जत्थे ने भी जमकर नारेबाजी की ओर कहा कि नए कृषि कानून को स्वीकार नहीं किया जाएगा।