गरीब व असहायों का निशुल्क करते हैं उपचार
यूं तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन निजी चिकित्सकों की अपनी एक संस्था है जिनके अपने-अपने क्लीनिक व अस्पताल हैं। लेकिन चिकित्सक समाजसेवा में भी किसी से पीछे नहीं हैं। बात कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की हो या असहाय मरीजों की सेवा की हर स्तर पर चिकित्सक अपने चिकित्सा धर्म का पालन करते नजर आए। ऐसे ही एक चिकित्सक का नाम है डा. कलीम। प्रशासन की अपील पर डा. कलीम अहमद एवं इनके साथी चिकित्सकों ने राजकीय मेडिकल कालेज मे भर्ती कोविड के मरीजों के उपचार में अपनी सेवाएं दी।
सहारनपुर, जेएनन। यूं तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन निजी चिकित्सकों की अपनी एक संस्था है, जिनके अपने-अपने क्लीनिक व अस्पताल हैं। लेकिन चिकित्सक समाजसेवा में भी किसी से पीछे नहीं हैं। बात कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की हो या असहाय मरीजों की सेवा की, हर स्तर पर चिकित्सक अपने चिकित्सा धर्म का पालन करते नजर आए। ऐसे ही एक चिकित्सक का नाम है डा. कलीम। प्रशासन की अपील पर डा. कलीम अहमद एवं इनके साथी चिकित्सकों ने राजकीय मेडिकल कालेज मे भर्ती कोविड के मरीजों के उपचार में अपनी सेवाएं दी। अब नए साल में भी अति उत्साह के साथ सेवा का संकल्प चिकित्सक डाक्टर कली अहमद में ने लिया है।
आइएमए से जुड़े शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक हैं डा. कलीम अहमद। यह नियमित रूप से अपने क्लीनिक के अलावा शिफाखाने से आने वाले मरीजों को न केवल निशुल्क देखते हैं बल्कि उन्हें दवाइयां भी अपनी ओर से निशुल्क ही देते हैं। बरसों से समाज सेवा में जुटे चिकित्सक आगे भी अधिक सतर्कता के साथ मरीजों के बीच में जाएंगे और उपचार करेंगे। नए साल में भी अपने इसी सेवा भाव को जारी रखने और असहायों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर रहेगा। डा. कलीम अहमद ने बताया कि शिफाखाना से आने वाले मरीजों की वह पिछले 20-21 साल से जांच कर उन्हें दवाईयां वितरित कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे। शिफाखाना से आने वाले मरीजों की पर्ची वहां सिर्फ दस रुपये में बनती है, पहले यह पर्ची पांच रुपये की बनती थी। नगर के बाजारिया रोड स्थित उनके क्लीनिक पर आने वाले जरुरतमंद मरीजों की सेवा करते रहेंगे। डा. कलीम का कहना है कि आने वाले साल में भी वह इसी प्रकार गरीब व असहाय लोगो की सेवा करते रहेंगे और आइएमए के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा शिविर लगाकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिलवाएंगे।