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हस्तशिल्प मेले में लुट गई नगीनों की चमक

कोरोना में बिखर चुके हस्तशिल्प बाजार को नया प्लेटफार्म देने के लिए आइएचजीएफ दिल्ली मेले के 49 वें संस्करण का आयोजन वर्चुअल मोड पर किया गया। सहारनपुर जनपद का वुडकार्विंग उद्योग वर्चुअल मेले में आर्डर पाने के बजाय प्रतिद्वंद्वियों के हमले का शिकार हो गया। सैकड़ों प्रतिद्वंद्वियों ने निर्यातकों के बूथ में घुसकर कैटलॉग तथा एक्सक्लूसिव सैंपल्स देख लिए। निर्यातकों का कहना है कि सैंपल्स को देखकर कॉपी किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 10:45 PM (IST)
हस्तशिल्प मेले में लुट गई नगीनों की चमक
हस्तशिल्प मेले में लुट गई नगीनों की चमक

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना में बिखर चुके हस्तशिल्प बाजार को नया प्लेटफार्म देने के लिए आइएचजीएफ दिल्ली मेले के 49 वें संस्करण का आयोजन वर्चुअल मोड पर किया गया। सहारनपुर जनपद का वुडकार्विंग उद्योग वर्चुअल मेले में आर्डर पाने के बजाय प्रतिद्वंद्वियों के हमले का शिकार हो गया। सैकड़ों प्रतिद्वंद्वियों ने निर्यातकों के बूथ में घुसकर कैटलॉग तथा एक्सक्लूसिव सैंपल्स देख लिए। निर्यातकों का कहना है, कि सैंपल्स को देखकर कॉपी किया गया। इससे उनकी सालों की मेहनत पर पानी फिर गया। घुसपैठ तथा सैंपल्स को कापी करने की शिकायत हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद में की गई है।

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दरअसल 13 से 19 जुलाई के मध्य ईपीसीएच (एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हेंडीक्राफ्ट्स) ने दिल्ली में आइएचजीएफ (भारत हस्तकला एवं उपहार मेला) मेले के 49 वें संस्करण का वर्चुअल आयोजन किया। इसमें 1300 से ज्यादा निर्माताओं, निर्यातकों, तथा 108 देशों के 4150 ओवरसीज बायर्स, बाइंग एजेंट्स, डोमेस्टिक रिटेल वाल्यूम खरीदारों ने हिस्सा लिया। इस वर्चुअल मेले में सहारनपुर के निर्यातकों को कोई आर्डर नहीं मिल पाया,जबकि इंक्वायरी के नाम प्रतिद्वंद्वी हैंडीक्राफ्ट उत्पादकों ने इनके बूथों में सेंधमारी करते हुये इनके एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स व डिजाइंस देख लिए इसे लेकर सहारनपुर के वुडकार्विंग कारोबारी खफा हैं। कहते हैं कि बरसों से मेहनत कर उन्होंने अपना कैटलॉग तैयार किया था, इसमें उनके खास डिजाइंस थे, वह सब कुछ इस मेले में प्रतिद्वंद्वियों ने बिना किसी मेहनत के हासिल कर लिए।

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निर्यातकों की सुनिये

न्यू लाइट ड्राइंग इंपोरियम के संचालक साजिद हनफी बताते हैं कि प्रतिद्वंद्वी हस्तशिल्प कारोबारियों ने यहां के उत्पादकों के बूथों में एंट्री की। सभी उत्पादों तथा डिजाइनों को देखा, बाद में कापी करने की भी सूचना मिल रही है। इसकी शिकायत हमने ईपीसीएच से की है। इन सभी को नोटिस जारी किया गया है।

वुड हाउस के संचालक मो. अल्तमश बताते हैं कि उनके डिजाइंस की विदेशों में काफी डिमांड है और यह इनके एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट हैं। बताया कि वर्चुअल फेयर में सैकड़ों की संख्या में प्रतिद्वंद्वी उनके बूथ में आ गए। जैसे ही कोई हमारे बूथ में आता हमें पता चल जाता, कि यह कोई स्थानीय प्रतिद्वंद्वी है, लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे थे। जाहिर तौर पर कोई प्रतिद्वंद्वी डिजाइनों को महज देखेगा नहीं, उसे कापी कर प्रोडक्ट भी बनाएगा। उनके सालों की मेहनत बेकार हो गई।

हैंडीक्राफ्ट उत्पादक आसिफ कहते हैं कि बूथ पर प्रत्येक हस्तशिल्प कारोबारी की पूरी जानकारी थी। बगैर अनुमति प्रतिद्वंद्वियों ने उसमें प्रवेश कर जानकारी हासिल कर ली। ईपीसीएच को इसमें बैरियर लगाना चाहिये था। नोटिस जारी करने की सूचना मिल रही है, लेकिन अब कोई फायदा नहीं।

फेमस आर्ट इंडस्ट्रीज के शेख आरिफ कहते हैं कि वर्चुअल मेले का आयोजन किया गया, लेकिन तकनीकी तौर पर कोई ऐसा सिस्टम नहीं बनाया गया कि कारोबारी को फुलप्रूफ सुरक्षा दी जाए। अब भविष्य में हम ऐसे वर्चुअल मेले में प्रतिभाग नहीं करेंगे।

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इन्होंने कहा--

इपीसीएच की ओर से पहली बार वर्चुअल मेले का आयोजन किया गया। संभव है कि कछ कमियां रह गई हों, उन्हें अगले प्रयासों में दूर किया जाएगा। 70 कारोबारियों को डिबार किया गया है। गाइडलाइन-प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी किया गया है। नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगला मेला और भी फुलप्रूफ होगा।

- आरके वर्मा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ईपीसीएच।


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