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शोभित विवि में कार्यक्रम नवरंग का शानदार शुभारंभ

गंगोह में शोभित विश्वविद्यालय परिसर में दो दिवसीय कार्यक्रम नवरंग का शुभारंभ विभिन्न प्रतियोगिताओ के साथ हुआ जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:24 PM (IST)
शोभित विवि में कार्यक्रम नवरंग का शानदार शुभारंभ
शोभित विवि में कार्यक्रम नवरंग का शानदार शुभारंभ

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में शोभित विश्वविद्यालय परिसर में दो दिवसीय कार्यक्रम नवरंग का शुभारंभ विभिन्न प्रतियोगिताओ के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम नवरंग का शुभारंभ शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रणजीत सिंह, कुलसचिव डा. महिपाल सिंह, केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर, डा. दिव्या प्रकाश, एस के गुप्ता ने सामूहिक रूप से गुब्बारे आकाश मे उड़ाकर किया। कुलपति डा. रणजीत सिंह ने कहा कि सफलता के लिए संकल्प महत्व रखता है। विवि के कुलसचिव डा. महिपाल सिंह ने उद्घाटन समारोह के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। नवरंग की संयोजक डा. दिव्या प्रकाश ने बताया इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते शोभित विश्वविद्यालय ने अन्य संस्थानों के छात्र-छात्राओं को नवरंग मे आमंत्रित नही किया। इसके बाद योग प्रस्तुति, कहानी लेखन, फोटोग्राफी, कविता पाठ, वाद-विवाद, गायन, नृत्य, नुक्कड़ नाटक, निबन्ध लेखन एवं क्विज आदि हुई। आमंत्रित निर्णायकों ने सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों का अपनी पारखी नजर एवं विशेषज्ञता के आधार पर मूल्यांकन किया। उद्घाटन समारोह में डा. एस के पाठक, डा. जितेन्द्र राणा, डा. प्रशांत कुमार, डा. मदन कौशिक, डा. तरुण शर्मा, डा. जसवीर सिंह राणा, सोयब हुसैन, डा. भूपेंद्र चौहान, अनिल रायल वित्त अधिकारी जसवीर सिंह व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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जयंती पर आयोजित पोस्टर स्पर्धा में बनाए देशभक्तों के चित्र

छुटमलपुर: शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय नंबर दो में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद व शहीद खुदीराम बोस की जयंती के पर पोस्टर प्रतियोगिता हुई, जहां शिक्षिका अंजलि आर्य ने बच्चों को बताया कि राजेंद्र प्रसाद वकालत छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। उनके योगदान को देखते हुए ही उन्हें भारत रत्न की उपाधि दी गई।

आज ही के दिन देश के वीर सपूत खुदीराम बोस का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने मात्र 18 साल की उम्र में देश की आजादी की खातिर फांसी के फंदे को गले लगा लिया। हमें देश के वीर सपूतों का सदैव सम्मान करना चाहिए। विद्यालय में पोस्टर प्रतियोगिता भी कराई गई, जिसमें सोफिया, सानिया, अफजल व नबिया आदि के पोस्टर काफी सराहे गए।


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