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रमजान में फलों के दामों ने छुआ आसमान

माह-ए-मुबारक रमजान के इफ्तार में फलों की चाट न हो तो दस्तरख्वान फीका लगता है। लेकिन इस बार फलों की कीमतों में भारी उछाल है। जिसके चलते रोजेदारों को महंगे फल खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सहरी के सामान की कीमतों में भी खासी वृद्धि बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 06:52 PM (IST)
रमजान में फलों के दामों ने छुआ आसमान
रमजान में फलों के दामों ने छुआ आसमान

सहारनपुर, जेएनएन। माह-ए-मुबारक रमजान के इफ्तार में फलों की चाट न हो तो दस्तरख्वान फीका लगता है। लेकिन इस बार फलों की कीमतों में भारी उछाल है। जिसके चलते रोजेदारों को महंगे फल खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सहरी के सामान की कीमतों में भी खासी वृद्धि बनी हुई है।

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मुकद्दस माह रमजान में जगह-जगह सहरी व इफ्तार के सामान की दुकानों सजी हैं। रोजेदार सामान खरीदने के लिए बाजारों में पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार सहरी व इफ्तार के सामान के दाम तेज पर हैं। फलों की कीमतों में बढ़ोतरी होने के बावजूद भी बरकतों के इस पाक महीने में रोजेदार खरीदारी में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। फल विक्रेता मोहम्मद अय्यूब ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष फलों के दामों में उछाल है। बताया कि रोजेदारों का प्रमुख मेवा खजूर जहां 120-250 रुपये किलो तक बाजारों में बिक रहा है। वहीं, केला 50-60 रुपये दर्जन, सेब 120-180 रुपये किलो, पपीता 40-60 रुपये किलो, आम 80 रुपये, अनार 120, आड़ू 60-80 रुपये, खरबूजा 50-60 रुपये, तरबूज 25 रुपये किलो, अंगूर 100 रुपये किलो जबकि फलों की चाट का राजा अमरूद 100 रुपये किलो तक बिक रहा है। इसके अलावा रोजेदारों की सहरी के सामान की कीमतों में भी इस वर्ष काफी उछाल है। सब्जियों के दामों में भी बढ़ोतरी बनी हुई है। किसी का ध्यान नहीं, अधिकांश हैंडपंप खराब

गंगोह: खराब पड़े नलों के कारण नागरिकों को इन गर्मियों में पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ सकता है। इस संभावित समस्या की और किसी का ध्यान नहीं है।

शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए सरकार द्वारा जगह-जगह इंडिया मार्का नल लगवाए गए हैं, लेकिन इन नलों का फायदा योजना के अनुसार नहीं पहुंच रहा है। नलों के स्थान का चयन ही ठीक नहीं किया गया है। बताया जाता है कि नलों को सरकारी मापदंड के हिसाब से ठेकेदार द्वारा नहीं लगवाया गया है। 60-70 फुट पर ही इन नलों को लगा दिया गया है। मानक के विपरीत लगे नलों में अधिकांश खराब हैं। इन खराब नलों को ठीक नहीं कराया गया है। नलों के खराब होने के कारण उन गांवों को पेयजल के लिए ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है, जहां अभी तक पानी के लिए ओवरहेड टैंक नहीं बने हैं। नागरिकों ने संबधित विभाग से नलों को जल्द ठीक कराने की मांग की है। चेयरमेन प्रतिनिधि नोमान मसूद का कहना है कि नगर क्षेत्र में लगे हैंड पंप में खराब नलों की जानकारी कर जल्दी उन्हें ठीक कराया जाएगा।


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