विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्यों का चयन जल्द
मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय विवि की कार्यपरिषद के सदस्यों के चयन के साथ ही फरवरी के प्रथम सप्ताह से अस्थाई रूप से विवि का कामकाज शुरू करने की योजना भी है। इसके अलावा यहीं से द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं भी संचालित की जा सकती हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय विवि की कार्यपरिषद के सदस्यों के चयन के साथ ही फरवरी के प्रथम सप्ताह से अस्थाई रूप से विवि का कामकाज शुरू करने की योजना भी है। इसके अलावा यहीं से द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं भी संचालित की जा सकती हैं।
सोमवार को कुलपति प्रोफेसर एचएस सिंह ने राजकीय महाविद्यालय पुंवारका में अस्थाई रूप से विश्वविद्यालय का कामकाज शुरू करने के लिए चर्चा की। गणतंत्र दिवस पर यहीं पर ध्वजारोहण किया जाएगा। उन्होंने बताया विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद का जल्दी गठन कर लिया जाएगा। इसमें शासन द्वारा चार सदस्यों को नामित किया जा चुका है जबकि अन्य सदस्यों को वह स्थानीय कालेजों के प्राचार्य से विचार-विमर्श के बाद शामिल करेंगे। उनकी योजना द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं भी यहीं से संचालित की जाएं। जुलाई से यूजी और पीजी के प्रथम वर्ष के प्रवेश भी विश्वविद्यालय से ही किए जाएंगे। फरवरी के प्रथम सप्ताह से वह स्वयं अथवा कुलसचिव राजकीय महाविद्यालय पुंवारका में विश्वविद्यालय के अस्थाई कार्यालय में नियमित रूप से कामकाज शुरू कर देंगे। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से कुलसचिव के लिए आवास की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया गया है। दूसरी माना जा रहा है कि फरवरी में विश्वविद्यालय संबंधी कामकाज के यहां से शुरू होने से निर्माण कार्य की रफ्तार में भी तेजी आएगी साथ ही अन्य कालेज भी विश्वविद्यालय से संबद्धता हासिल करने को आगे आएंगे।
जिला मुख्यालय से 16 किमी
जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर पुंवारका में मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय का शिलान्यास दो दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था। 30 दिसंबर को शासन द्वारा प्रोफेसर हृदय शंकर सिंह को यहां कुलपति नियुक्त किया गया। सात जनवरी को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के उप कुलसचिव को पदोन्नति देकर मां शाकंभरी विश्वविद्यालय का कुलसचिव बनाया गया था। छह जनवरी को अपने पहले विश्वविद्यालय के निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रोफेसर एचएस सिंह में विश्वविद्यालय को लेकर अपनी प्राथमिकताएं साझा की थी। उन्होंने मौके पर निर्माणाधीन भवनों की साइट का निरीक्षण भी किया था। निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए थे कि प्रशासनिक भवन का काम प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले पूरा किया जाना चाहिए।