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महारानी होटल गुपचुप बेचने की तैयारी, पांच पर धोखाधड़ी का मुकदमा

प्रख्यात मधुबन होटल (वर्तमान में महारानी होटल) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। होटल स्वामियों का एक पक्ष जहां होटल को बेचने की फिराक में है वहीं दूसरे पक्ष ने न्यायालय के आदेश के बाद थाना सदर बाजार में पांच लोगों को आरोपी बनाते हुए धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 11:08 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 11:08 PM (IST)
महारानी होटल गुपचुप बेचने की तैयारी, पांच पर धोखाधड़ी का मुकदमा
महारानी होटल गुपचुप बेचने की तैयारी, पांच पर धोखाधड़ी का मुकदमा

सहारनपुर, जेएनएन। प्रख्यात मधुबन होटल (वर्तमान में महारानी होटल) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। होटल स्वामियों का एक पक्ष जहां होटल को बेचने की फिराक में है, वहीं दूसरे पक्ष ने न्यायालय के आदेश के बाद थाना सदर बाजार में पांच लोगों को आरोपी बनाते हुए धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है।

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घंटाघर पर होटल मधुबन का निर्माण करीब 35 वर्ष पूर्व तत्कालिक पालिका चेयरमैन रविन्द्र तलवार द्वारा कराया गया था। वर्ष 2023 तक नगर निगम लीज की भूमि पर निर्मित होटल के निर्माण के लिए यूपीएससी व बैंकों से करोड़ों का ऋण लिया गया था। वर्ष 2003 में रविन्द्र तलवार की माताजी द्वारा इस होटल की लीज ट्रांसफर कराने के साथ ही ओमबापू ट्रांसपोर्ट के स्वामी सुभाष बापू को बेच दिया था। रविन्द्र तलवार ने बताया कि होटल बेचते समय तय किया गया था कि सुभाष ही होटल का तमाम बकाया व टैक्स आदि का भुगतान भी करेगा, परन्तु ऐसा हुआ नहीं। जिसका परिणाम यह रहा कि होटल पर कर्ज बढ़ता चला गया। बाद में सुभाष का निधन हो जाने के बाद परिवार में कलह बढ़ गई तथा होटल अस्त-व्यस्त हो गया। यही नहीं परिवार में होटल को लेकर खासा विवाद हो गया तथा हाल में ही होटल को बेचने की तैयारी पूरी कर ली गई थी। होटल के पूर्व निदेशक रविन्द्र तलवार व सुभाष के पुत्र संयम कक्कड़ का कहना है कि बिक्री के बाद भी शर्तों के मुताबिक सुभाष द्वारा होटल पर यूपीएफसी का कर्ज नहीं चुकाया तथा वर्तमान में होटल पर यूपीएफसी का करीब 18 करोड़ रुपया बकाया है, जिसके नोटिस लगातार रविन्द्र तलवार को मिल रहे हैं। रविद्र तलवार के अनुसार नगर निगम का भी 57 लाख से अधिक होटल पर बकाया चल रहा है। फर्जी कागजातों के आधार पर परिवार के ही कुछ लोग होटल बेचने में लगे थे, 31 मार्च 2021 को बैनामा किसी किशन पुरी के नाम कराया जा रहा था, जिसकी सूचना मिलने पर उन्होंने तत्काल यूपीएफसी कानपुर प्रबंधक को सूचित किया। तब प्रबंधक द्वारा रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर होटल का बैनामा रोकने की मांग की थी। उन्होंने बताया इससे पूर्व धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में न्यायालय के आदेश पर रितु पत्नी सुशील डंग, श्वेता पत्नी सचिन कुमार, शिखा सत्पाल पत्नी विभु सतपाल बद्री प्रसाद पुत्र जय चंद, विजय मिश्रा पुत्र प्रभूजी मिश्रा सहित पांच लोगों के विरूद्ध धोखाधड़ी की विभिुन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है।

नियम दरकिनार

होटल महारानी का निर्माण तमाम नियम कायदों को दरकिनार कर हुआ है। होटल बेसमेंट सहित छह मंजिला है, लेकिन मानचित्र मात्र तीन मंजिल का ही स्वीकृत कराया गया है। यही नहीं होटल रजिस्ट्री में कम स्टांप लगाने का मामला भी लंबे समय तक चला था।

इनका कहना है...

होटल मधुबन (महारानी) पर काफी कर्ज बकाया है। होटल के फिर से बेचे जाने की जानकारी मिली है। विभागीय कार्रवाई की जा रही है, ऋण वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

-आशा तिवारी प्रबंधक यूपीएफसी कानपुर।


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