चुनाव वाहन फिटनेस और बीमा के स्तर पर अनफिट
विधानसभा चुनाव के लिए स्कूली वाहनों के अधिग्रहण की तैयारी चल रही है जबकि ज्यादातर वाहन फिटनेस दुरुस्त नहीं होने के कारण स्कूल परिसरों में बिना बीमा के खड़े हैं। ऐसे में स्कूल संचालकों ने चुनाव अधिकारी से स्कूल वाहन फिट कराने का खर्च उठाने की मांग की है।
सहारनपुर, जेएनएन। विधानसभा चुनाव के लिए स्कूली वाहनों के अधिग्रहण की तैयारी चल रही है, जबकि ज्यादातर स्कूली वाहन कोरोना संकट के कारण बिना फिटनेस और बीमा के स्कूलों में खड़े हैं। ड्राइवर भी वेतन नहीं मिलने से रोजी-रोटी के लिए अन्य कामकाज में लग गए हैं। ऐसे में स्कूल संचालकों ने जिला प्रशासन से सरकारी स्तर से वाहनों का बीमा और फिटनेस कराए जाने की मांग की है।
जिले की सात विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए परिवहन विभाग द्वारा वाहनों को जुटाने के लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। सात सीटों पर करीब 2950 बूथ बनाए गए हैं। विभाग के अनुसार छोटे-बड़े 2500 से ज्यादा वाहन चुनाव के लिए जरूरी होंगे। नगर में ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के 1200 वाहनों को परिवहन विभाग द्वारा चुनावी कार्य के लिए अधिकृत किया जाना है। इसके लिए स्कूल संचालकों को नोटिस भेजे गए हैं, जबकि स्कूल संचालकों के समक्ष समस्या यह है कि कोरोना संकट के कारण वाहन दो वर्षों से स्कूलों में ही खड़े हैं उनका बीमा और फिटनेस भी खत्म हो चुकी है तथा ड्राइवर वेतन न मिलने के कारण अब अन्य कामकाज में लग चुके हैं। 32 और 50 सीटर बस के बीमा और फिटनेस का एक वर्ष का खर्च करीब 48 से 58 हजार रुपये तक का आता है। स्कूलों में नियमित रूप से फीस न आने के कारण स्कूल संचालक फिटनेस और बीमे पर भारी-भरकम खर्च करने में असमर्थ हैं।
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि कोरोना के कारण स्कूलों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह खराब हो चुकी है। वाहनों के फिटनेस और बीमा आदि के खर्च की व्यवस्था सरकारी स्तर पर कराई जानी चाहिए। स्कूल संचालक चुनाव कार्य में प्रशासन को हर प्रकार के सहयोग के लिए तत्पर हैं।