लापरवाही नहीं बरतें सभी लोग जांच कराएं: नितिन
रामपुर मनिहारान में कोरोना के बढ़ते केस को लेकर प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तहसील प्रांगण में कैंप लगाकर 100 लोगों के रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी से मास्क का प्रयोग करने के भी अपील की।
सहारनपुर, जेएनएन। रामपुर मनिहारान में कोरोना के बढ़ते केस को लेकर प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तहसील प्रांगण में कैंप लगाकर 100 लोगों के रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी से मास्क का प्रयोग करने के भी अपील की।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तहसील परिसर में कैंप लगाया और कोरोना की जांच के लिए 100 लोगों के रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेजें कुछ लोगों ने सैंपल देने से मना किया तो स्वयं तहसीलदार नितिन राजपूत ने कहा रैंडम सैंपल लोगों की स्वास्थ्य की जांच है। इसमें कोई भी दुकानदार या अन्य लोग लापरवाही ना बरतें सभी लोग अपनी जांच कराएं। उन्होंने सभी लोगों से मास्क का प्रयोग करने वह शारीरिक दूरी का पालन करने की अपील की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया प्रतिदिन जगह जगह कैंप लगाकर लोगों की रेडम सैंपल की जाएगी जिसमें सभी लोग सहयोग दें।
किसान आंदोलन को दिल्ली रवाना हुए किसान
नागल: दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में क्षेत्र से भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के नेतृत्व मे किसान दिल्ली रवाना हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के विरुद्ध जनता में गलत धारणा पैदा कर उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है, जब तक कृषि विधेयक वापस नहीं होता किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष चौधरी चरण सिंह अमित मुखिया, रघुवीर सिंह, सुरेंद्र कंबोज, विनोद कुमार, मनीष चौधरी, कान सिंह राणा, नकली सिंह, इमरान प्रधान, जय भगवान, सोहन वीर, ओम सिंह, सलमान ,मन्नू चौधरी, मूसा आदि मौजूद रहे।
उधर भारतीय किसान संगठन के नकुड़ ब्लाक अध्यक्ष मनोज राणा के नेतृत्व में किसानों का एक दल आज दिल्ली बार्डर पर आंदोलन के समर्थन में पहुंच चुका है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह के निर्देशन में भारतीय किसान संगठन के कार्यकर्ता व पदाधिकारी कृषि के विरोध में इस आंदोलन में शामिल हुए हैं।