राम-सीता के विवाह का सुंदर चित्रण किया
देवबंद: श्रीरामकथा में वृंदावन के संत प्रियदास जी महाराज ने राम-सीता के विवाह का सुंदर चित्रण्
देवबंद: श्रीरामकथा में वृंदावन के संत प्रियदास जी महाराज ने राम-सीता के विवाह का सुंदर चित्रण किया। इस अवसर पर श्रोताओं ने मंगलगीत गाया। संत प्रियदासजी महाराज ने बताया कि श्रीराम ने मर्यादा में रहकर धर्म निभाया। भगवान राम के आदर्शो पर चलकर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है। रामचरित्र मानस में कहा गया कि राम का नाम ही कलियुग में आधार है। मनुष्य को स्वार्थ रहित होकर मानव सेवा करनी चाहिए। स्वार्थ सिद्धि के लिए किया गया कार्य निष्फल होता है। साध्वी चित्रा शुक्ला ने कहा कि ढाई अक्षर प्रेम से ही सारा संसार जुड़ा है। प्रेम से ही परमात्मा की प्राप्ति संभव है। सच्चा प्रेम वही होता है जो प्रभु से मिलन कराए। भगवान प्रेम के वश में ही अपने भक्तों का उद्धार करते हैं। निष्काम भाव से की गई भक्ति सर्वोपरि होती है। सच्चे प्रेम से ही विरह की अनुभूति होती है। छठे दिन कथा के यजमान श्यामलाल भारती रहे। प्रसाद वितरण सतीश ने किया। इस मौके पर सुधीर गर्ग, पंकज अग्रवाल, अजय बंसल, बनारसी प्रसाद अग्रवाल, रमेश भसीन, अंकित मित्तल, नीरज मित्तल, वीना गोयल, रेखा गर्ग व वर्षा पंवार आदि मौजूद रहे।