नई पेंशन स्कीम में अंशदान से विभाग ने हाथ खींचे
परिषदीय स्कूलों के तीन हजार से अधिक शिक्षकों का नई पेंशन स्कीम में विभागीय अंशदान जमा न होने से उनकी नाराजगी बढ़ रही है जबकि शिक्षकों का अंशदान लगातार जमा हो रहा है।
सहारनपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों के तीन हजार से अधिक शिक्षकों का नई पेंशन स्कीम में विभागीय अंशदान जमा न होने से उनकी नाराजगी बढ़ रही है, जबकि शिक्षकों का अंशदान लगातार जमा हो रहा है। विधान परिषद चुनाव में स्नातक मतदाता के रूप में बड़ी ताकत रखने वाले इन शिक्षकों की नाराजगी प्रत्याशियों को भारी पड़ सकती है। उधर, वित्त एवं लेखाधिकारी ने अंशदान जमा कराने के लिए वित्त नियंत्रक से 53 करोड़ की मांग की है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में वर्ष-2005 से नियुक्त शिक्षकों को नई पेंशन स्कीम के दायरे में शामिल किया गया है। जिले में तीन हजार से अधिक शिक्षक नई पेंशन में शामिल हैं। शिक्षकों के मुताबिक अंशदान में शिक्षकों का हिस्सा मूल वेतन का 10 फीसदी तथा विभाग की ओर से जमा होने वाला करीब 14 फीसदी होता है। विभाग की ओर से अगस्त 2019 तक का अंशदान नई पेंशन स्कीम में शिक्षकों के खाते में जमा हुआ है, जबकि शिक्षकों का अंशदान अनवरत जमा हो रहा है। विभाग के हिस्से का अंशदान जमा न होने के कारण शिक्षकों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजकुमार चौधरी का कहना है यदि विभाग अपने हिस्से का अंशदान जमा नहीं कराता है तो शिक्षक भी अब आगे अपना अंशदान जमा नहीं कराएंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर अंशदान जमा कराने के लिए विभाग को निर्देशित करना चाहिए। दूसरी और मंगलवार को होने वाले विधान परिषद चुनाव में परिषदीय शिक्षक स्नातक मतदाता के रूप में बड़ी ताकत रखते हैं। तीन हजार शिक्षक औसत 15 हजार मतदाताओं को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं, ऐसे में चुनाव में शिक्षकों की नाराजगी प्रत्याशियों पर भारी पड़ सकती है। इनका कहना है
विभागीय अंशदान के लिए वित्त नियंत्रक से 53 करोड़ की मांग करते हुए पत्र भेजा गया है। अभी तक यह राशि नहीं मिली है। जैसे ही राशि मिलेगी शिक्षकों के खाते में विभाग की ओर से अंशदान जमा करा दिया जाएगा।
-सतीश कुमार, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा।