दारुल उलूम पर सरकारी सड़क पर गेट लगाने का आरोप
देवबंद में खानकाह मोहल्ले के एक व्यक्ति ने एसडीएम को पत्र देकर दारुल उलूम प्रबंधन पर सरकारी सड़क पर गेट लगाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में खानकाह मोहल्ले के एक व्यक्ति ने एसडीएम को पत्र देकर दारुल उलूम प्रबंधन पर सरकारी सड़क पर गेट लगाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
सोमवार को खानकाह निवासी शाहिद हसन ने एसडीएम राकेश कुमार को दिए पत्र में कहा कि दारुल उलूम प्रबंधन द्वारा संस्था के मदनी गेट के समक्ष नाले तक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकारी सड़क पर गेट का निर्माण भी कराया जा रहा है। कहा कि गरीब लोग उक्त सड़क पर रेहड़ी व पटरी लगाकर सामान बेच अपने घर का गुजार बसर करते है। दारुल उलूम प्रबंधतंत्र द्वारा गेट लगा दिए जाने के बाद गरीब लोग परेशान हो जाएंगे। उधर, दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी का कहना है कि जिस स्थान पर गेट लगाया जा रहा है वह दारुल उलूम की संपत्ति है। सरकारी सड़क पर कब्जे का आरोप बेबुनियाद है।
झोलाछाप कर रहे हैं जान से खिलवाड़
गंगोह में ग्रामीण क्षेत्र व कस्बे में झोलाछाप व मेडिकल स्टोर वाले सब तरह की बीमारी का इलाज कर रहे हैं, जिससे लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। झोलाछाप व कई मेडिकल स्टोर वाले भी खांसी, बुखार व अन्य रोगों में धड़ल्ले से दवाई दे रहे हैं। जबकि सरकार का आदेश है कि कोरोना के चलते बिना टेस्ट के बुखार व खांसी की दवाई न दें लेकिन झोलाछाप सभी कायदे कानून ताक पर रखकर कार्य कर रहे हैं। प्रतिबंधित दवाइयां भी बेची जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार शाम होते ही मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित दवाई लेने वालों की संख्या बढ़ जाती हैं। जिससे युवाओं की जिदगी खराब हो रही हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।