Move to Jagran APP

सजग रहकर जिम्मेदारी से करें खरीदारी, एमआरपी से अधिक न दें दाम

बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए आम नागरिक को जागरूक होना होगा। छात्र-छात्राएं अपने स्वजनों को इस बारे में जागरूक कर सकते हैं. ताकि वह उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में होने वाली ठगी से बच सकें। यह बातें विधिक माप एवं विज्ञान विभाग की सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने दैनिक जागरण के जागरण यूथ कनेक्ट में छात्र-छात्राओं से संवाद के दौरान बताई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 10:29 PM (IST)
सजग रहकर जिम्मेदारी से करें खरीदारी, एमआरपी से अधिक न दें दाम

सहारनपुर, जेएनएन। बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए आम नागरिक को जागरूक होना होगा। छात्र-छात्राएं अपने स्वजनों को इस बारे में जागरूक कर सकते हैं. ताकि वह उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में होने वाली ठगी से बच सकें। यह बातें विधिक माप एवं विज्ञान विभाग की सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने दैनिक जागरण के जागरण यूथ कनेक्ट में छात्र-छात्राओं से संवाद के दौरान बताई।

loksabha election banner

स्वाति कौशिक ने पीजी पायस इंटर कालेज गागलहेड़ी के छात्र-छात्राओं से वर्चुअल सेमिनार में आनलाइन संवाद किया। सहायक उप नियंत्रक ने बताया कि जब दुकान से हम कोई भी खुली वस्तु खरीदते हैं तो यह ध्यान रखें की वेइंग मशीन पर निर्धारित वजन अवश्य देख लें। यदि वेइंग मशीन इलेक्ट्रानिक है तो कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी स्क्रीन पर जीरो अंकित आना चाहिए। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से समय-समय पर लीगल मेट्रोलाजी आफिसर बांट कांटों की जांच करते रहते हैं, जांच के बाद विभाग की ओर से संबंधित दुकानदारों और प्रतिष्ठानों को जांच का एक सत्यापन प्रमाणपत्र भी दिया जाता है।

जांच की निर्धारित अवधि

सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने बताया कि साधारण बांट कांटों की दो वर्ष के अंतराल के बाद सत्यापन कर विभाग की मोहर लगाई जाती है, जबकि इलेक्ट्रानिक कांटों में प्रत्येक वर्ष जांच के बाद विभाग मोहर अंकित करता है। यह इस बात का प्रमाण होता है कि विभाग ने कांटे का सत्यापन किया है और कोई भी उपभोक्ता निचित होकर संबंधित दुकान से अपनी आवश्यकतानुसार वजन कराकर वस्तु खरीद सकता है।

मानक शुद्धता का पैमाना

सहायक नियंत्रक ने बताया कि खाद्य वस्तुओं पर अंकित मानक उसकी शुद्धता का पैमाना होते हैं। पैकिग में कितनी मात्रा में वस्तु है उसकी एक्सपायर डेट क्या है और उसे बनाने में किन-किन वस्तुओं का उपयोग हुआ है, यह सब जानकारी भी पैकेट पर अंकित होनी चाहिए। खाद्य वस्तुओं की खरीद करते समय प्रत्येक को यह जानकारी पैकिग पर देख लेनी चाहिए।

ई-कामर्स से खरीदारी में मानक

सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने बताया कि मौजूदा समय में ई-कामर्स कंपनियां तेजी से उपभोक्ताओं के करीब पहुंच रही हैं। इन ई-कामर्स कंपनियों की वेबसाइट पर विभाग द्वारा निर्धारित सभी मानक होने चाहिए और यदि कंपनी उन्हें फालो नहीं करती है तो उस पर 500 रुपये से लेकर 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही मानक पूरे न होने पर पांच वर्ष की जेल तक भी हो सकती है।

एमआरपी पर स्टीकर लगा सकते

सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने बताया कि बाजार में मिलने वाली कोई भी ऐसी वस्तु जिसके एमआरपी मूल्य पर यदि स्टीकर लगाकर रेट बदला गया है तो वह अनुचित व्यापार की श्रेणी में आता है, इसके लिए उपभोक्ता विभाग से शिकायत कर सकते हैं, विभाग ऐसे मामलों में तेजी से शिकायत का निवारण कराता है। नेशनल कंज्यूमर हैल्पलाइन टोल फ्री नंबर-1800114000 अथवा 14404


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.