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अंतिम सफर में अपने भी हटे पीछे तो सामने आई युवाओं की टोली

कोरोना महामारी से मौत जिधर देखो उधर मौत का मंजर रूह को कंपा रहा है। किसी के यहां फोन करते हैं तो अनायास ही सुनने को मिल जाता है कि वे हम सबको छोड़कर चले गए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 10:40 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 10:40 PM (IST)
अंतिम सफर में अपने भी हटे पीछे तो सामने आई युवाओं की टोली

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी से मौत, जिधर देखो उधर मौत का मंजर रूह को कंपा रहा है। किसी के यहां फोन करते हैं तो अनायास ही सुनने को मिल जाता है कि वे हम सबको छोड़कर चले गए। महानगर के श्मशान घाट में परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए समय लेना पड़ रहा है। सबसे दुखदायी स्थिति उस समय हो रही है, जब परिवार के सदस्य कोरोना से मृत स्वजनों की श्मशान घाट पर संस्कार की अंतिम क्रिया करने से पीछे हट जाते हैं। महानगर के नुमाइश कैंप श्मशान घाट पर युवाओं की टीम स्वेच्छा से यह दायित्व बखूबी निभा रही है।

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महानगर में आए दिन कोरोना संक्रमित लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, इनमें युवा से लेकर प्रौढ़ और वृद्ध भी शामिल हैं। कोरोना हर किसी को अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले करीब दस दिन से महानगर के श्मशान घाट पर स्थिति काफी दर्दनाक है। मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए एक श्मशान घाट पर स्थल न होने के कारण उन्हें दूसरे श्मशान घाट पर ले जाना परिजनों की मजबूरी बना है।

युवाओं ने संभाला अंतिम संस्कार का दायित्व

महागनर के नुमाइश कैंप श्मशान घाट पर कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार भी किया जा रहा है। इसके लिए यहां अलग से स्थल सुरक्षित किया गया है। गोपालनगर निवासी भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर मंत्री राहुल झांब अपने युवा दोस्तों के साथ इनके अंतिम संस्कार का दायित्व पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं। राहुल का कहना है उनके पिताजी वर्ष-2017 में किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। एक हायर सेंटर वह तीन माह तक पिताजी की तीमारदारी में अस्पताल में रहे थे। काफी प्रयास के बावजूद पिताजी को नहीं बचाया जा सका था, उसी समय उन्होंने संकल्प लिया था कि जीवन में कभी भी कोई ऐसा कठिन काम करने का यदि मौका मिला तो उससे कभी पीछे नहीं हटेंगे। इसी संकल्प को लेकर अपनी टीम के साथ कोरोना से मृत व्यक्तियों के संस्कार में मदद करा रहे हैं। संत नगर के गौरव कक्कड़, गोपाल नगर के संचित अरोड़ा के अलावा श्मशान घाट पर रहने वाले सोनी शर्मा भी पूरे मनोयोग से राहुल के साथ काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि राहुल को देखकर उन्हें यह काम करने की हिम्मत मिली और वे हर समय एक सहयोगी के रूप में काम को तत्पर हैं। मार्मिक अपील

राहुल झांब ने लोगों से मार्मिक अपील की है कि कोरोना संकट के समय एक-दूजे का हौसला बढ़ाएं। पूरे महानगर में कोई भी कोरोना संक्रमित परिवार उनसे मदद के लिए संपर्क कर सकता है। यदि कोई साम‌र्थ्यवान व्यक्ति अंतिम संस्कार के लिए पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क आदि उपलब्ध कराना चाहता है तो वह भी यह मदद कर सकता है। मोबाइल नंबर-7017777984 है। केस-1

एक परिवार के एक सदस्य की कोरोना से मौत हो गई थी। एंबुलेंस से शव शमशान घाट पर पहुंचा। दुर्भाग्यवश परिवार के सभी सदस्य कोरोना से संक्रमित थे। अंतिम संस्कार के लिए कोई आगे नहीं आया। ऐसे में युवा टीम के सदस्यों ने पीपीई किट एंबुलेंस से शव को चिता तक पहुंचाया और अंतिम संस्कार भी कराया।

केस-2

एक व्यक्ति की कोरोना से मौत के बाद शव श्मशान घाट पर पहुंचा था। अंतिम संस्कार कौन करेगा यही सोचकर परिजन थोड़ा संकोच में थे। परिजनों को समझाया गया। एक सदस्य को पीपीई किट पहनाकर युवा टीम के सदस्यों ने भी किट पहनी और शव को चिता तक ले गए और परिवारिक के सदस्य ने ही संस्कार किया।


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