कोरोना संकट ने निगली गरीब बच्चों की प्रोत्साहन राशि
कोरोना संकट ने उन गरीब बचों के परिवारों को बड़ी आर्थिक चोट दी है जो पिछले एक वर्ष से सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना संकट ने उन गरीब बच्चों के परिवारों को बड़ी आर्थिक चोट दी है जो पिछले एक वर्ष से सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। दरअसल अलाभित समूह और दुर्बल आय वर्ग के चार हजार बच्चों के अभिभावकों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है, जबकि अगला सत्र समाप्त होने में 79 दिन बाकी हैं। आए दिन कई अभिभावक बेसिक शिक्षा कार्यालय में प्रोत्साहन राशि की बाबत पूछताछ को पहुंच रहे हैं।
मार्च-2020 से स्कूल बंद चल रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अलाभित और दुर्बल आय वर्ग के उन बच्चों के परिवारों को वार्षिक पांच हजार की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है, जिनको योजना के मानक पूरे करने पर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। एक बच्चे के लिए प्रोत्साहन राशि पांच हजार तय है, जबकि स्कूल की फीस सीधे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के बैंक खाते में डाली जाती है। फीस के रूप में एक बच्चे के लिए स्कूल को 400 रुपये मासिक देने का प्रावधान है।
दो शैक्षिक सत्र की प्रोत्साहन राशि
शैक्षिक सत्र 2019-20 की प्रोत्साहन राशि अभिभावकों को अभी तक नहीं मिल सकी है। विभाग के मुताबिक चार हजार बच्चों के अभिभावकों को यह राशि दी जानी है। स्कूलों से डाटा एकत्र कर फीडिंग का काम प्रगति पर है। यह राशि करीब दो करोड़ रुपये बैठती है। सत्र 2020-21 की राशि भी अभी तक अप्राप्त है। अभिभावकों को दो शैक्षिक सत्र की राशि दी जानी है। विभाग द्वारा दोनों शैक्षिक सत्र के लिए प्रोत्साहन राशि की मांग विभाग के मुख्यालय से की जाएगी। बोले अभिभावक..
अभिभावक वीर कुमार और अमान का कहना है कि दूसरा शैक्षिक सत्र भी पूरा होने वाला है। अभी तक पिछले सत्र की प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिली। कई बार बीएसए कार्यालय से पूछताछ कर चुके हैं लेकिन हर बार बजट न मिलने की बात बताई जा रही है। इनका कहना है
प्रोत्साहन राशि के लिए विभाग द्वारा बच्चों का डाटा अपडेट किया जा रहा है। इसी के आधार पर मुख्यालय से बजट को मांगपत्र भेजा जाएगा।
-रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए।