जागरूक किसान गन्ने की पत्ती को मल्चर से जमीन में मिला रहे
महंगी में किसानों को पराली के बाद अब गन्ने की पत्ती भी समस्या बन गई है लेकिन जागरूक किसान पत्तियों को नहीं जलाकर ट्रैक्टर से मल्चर चलाकर जमीन में मिला रहे हैं। एक किसान ने गांव में मल्चर लाकर किसानों को राहत दी है।
सहारनपुर, जेएनएन। महंगी में किसानों को पराली के बाद अब गन्ने की पत्ती भी समस्या बन गई है, लेकिन जागरूक किसान पत्तियों को नहीं जलाकर ट्रैक्टर से मल्चर चलाकर जमीन में मिला रहे हैं। एक किसान ने गांव में मल्चर लाकर किसानों को राहत दी है।
किसान पराली के बाद अब गन्ने की पत्ती परेशानी का सबब बन गई है, क्योंकि किसानों द्वारा पत्ती जलाने पर जुर्माने के बाद अब गन्ना मिल पर्चियों पर पर रोक लगा रहा है, जिससे किसानों को पत्ती को या तो खेतों से बाहर निकाल रहे हैं या फिर चोरी छिपे रात को आग के हवाले कर रहे हैं। ग्राम पंचायत बालू एक किसान राजकुमार चौधरी ने गांव में मलचर लाकर किसानों को राहत दी है। किसान गांव में मल्चर से पत्ती को जमीन में मिलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। किसान ने बताया कि मल्चर चलने के बाद पत्ती बारीक पिस बन जाती है, जिससे खेतों में खाद बन जाती है।
गन्ना समिति ने लगाया मुफ्त नेत्र शिविर, 70 ने कराई जांच
देवबंद : सहकारी गन्ना विकास समिति द्वारा गांधी शताब्दी कमला देवी बाजोरिया नेत्र चिकित्सालय के सहयोग से मंगलवार को गन्ना समिति परिसर में किसानों के लिए मुफ्त नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 70 रोगियों की आंखों की जांच की गई।
जिला गन्ना अधिकारी कृष्ण मोहन मणि त्रिपाठी के निर्देश पर विशेष सचिव प्रेमचंद चौरसिया की देखरेख में आयोजित हुए शिविर में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. चितुल डोंडियाल की टीम में शामिल चिकित्सकों ने रोगियों का नेत्र परीक्षण किया। कुल 70 रोगियों की जांच हुई। जिनमें 11 रोगियों को आपरेशन कराने की सलाह दी। अन्य रोगियों को दवाई और चश्मों का निश्शुल्क वितरण किया गया। विशेष सचिव प्रेमचंद चौरसिया ने बताया कि नेत्र शिविर केवल समिति से जुड़े किसानों ने नेत्र परीक्षण कराया। इस दौरान आरएस पुंडीर, राजकुमार सिंह राठौर आदि मौजूद रहे।