आस्था का केंद्र है महाभारत कालीन शिव मंदिर
तीतरो क्षेत्र के गांव बरसी स्थित महाभारत कालीन शिव मंदिर लाखों भक्तों की श्रद्धा व आस्था का केंद्र है। फाल्गुनी चतुर्दशी दिन गुरुवार को लाखों की संख्या में शिव भक्त मंदिर में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे।
सहारनपुर, जेएनएन। तीतरो क्षेत्र के गांव बरसी स्थित महाभारत कालीन शिव मंदिर लाखों भक्तों की श्रद्धा व आस्था का केंद्र है। फाल्गुनी चतुर्दशी दिन गुरुवार को लाखों की संख्या में शिव भक्त मंदिर में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
नगर से लगभग छह किलोमीटर दूरी पर स्थित गांव बरसी के इस मंदिर को महाभारत कालीन माना जाता है। मंदिर कमेटी के पूर्व प्रधान चौ.ऋषिपाल सिंह और प्राचार्य पदम सिंह के अनुसार अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव इस क्षेत्र में रुके। भगवान शिव की आराधना के लिए भीम ने एक रात में इसका निर्माण कर शिवलिग की स्थापना की, लेकिन इसका प्रवेशद्वार दक्षिण दिशा में होने के कारण यह अशुभ माना गया। बाद में भगवान कृष्ण की आराधना करने पर उन्होंने दर्शन देकर यह आशीर्वाद दिया था कि इस स्थिति में होने के बाद भी यहां की गई पूजा अर्चना सार्थक होकर कल्याण करेगी। तभी से यह मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। प्रत्येक फाल्गुनी शिवरात्रि को दूर दराज से आये लाखो लोग यहां दर्शन करते हैं।
प्रदेश सरकार ने भी इस मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 40 लाख रुपये का बजट मंजूर किया है, मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। मेले के संयोजक प्रशासन की तरफ से तहसीलदार देवेंद्र सिंह और सह संयोजक प्रिस चौधरी को बनाया है। उनके अनुसार यात्रियों के ठहरने,पेयजल और यहां लगने वाली व्यापारिक दुकानों की समुचित सुविधा के साथ मंदिर में जलाभिषेक की भीड़ को नियंत्रित करने की तैयारी हो चुकी है। कोतवाली प्रभारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल के साथ एक प्लाटून पीएसी मौजूद रहेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ दर्शनों के समय कोविड-19 नियमों के पालन करने का प्रयास किया जायेगा।