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श्रद्धा के साथ मनाया आचार्य श्रीराम का जन्मदिन

गंगोह में गायत्री जयंती व गंगा दशहरा पर अखिल विश्व गायत्री परिवार ने शक्ति पीठ पर यज्ञ कर विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित की। इस दौरान विश्व कल्याण की भी प्रार्थना की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 07:23 PM (IST)
श्रद्धा के साथ मनाया आचार्य श्रीराम का जन्मदिन
श्रद्धा के साथ मनाया आचार्य श्रीराम का जन्मदिन

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में गायत्री जयंती व गंगा दशहरा पर अखिल विश्व गायत्री परिवार ने शक्ति पीठ पर यज्ञ कर विशेष आहुतियां यज्ञ भगवान को समर्पित की। इस दौरान विश्व कल्याण की भी प्रार्थना की गई।

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रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नजदीक सूर्या आवास कालोनी स्थित गायत्री शक्ति पीठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गायत्री परिवार के साधकों ने शांति कुंज हरिद्वार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनका भाव पूर्ण स्मरण किया। जन कल्याण के लिए यज्ञ का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोगों ने शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए अपनी आहुतियां दीं। जन कल्याण के अलावा कोरोना विनाश की प्रार्थना भी की गई।

इस अवसर पर डा. सुनील शर्मा ने कहा कि विश्व को आध्यात्मिक ज्ञान देने व शांति का मार्ग दिखाने के लिए ही शांति कुंज की स्थापना की थी। आज शांति कुंज विश्व को कल्याण का मार्ग दिखा रहा है। उन्होने कहा कि आज का दिन विशेष है जहां आज के दिन शांति कुंज हरिद्वार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा का जन्म हुआ वहीं पतित पावनी गंगा का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था। इस दौरान सामाजिक दूरी बनाकर श्रवण शर्मा, डा सुनील शर्मा, राकेश, सोनू, मोन्टी, सुभाष, गुरदेश, ओंकार, मोनिका, रीटा, वैष्णवी, गरिमा, मा अनूप सिह, अखिलेश आदि शामिल रहे।

गंगा दशहरा पर स्नान करने से होते हैं पाप मुक्त: कौशिक

सरसावा: गंगा दशहरा के अवसर पर श्री बनखंड़ी महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अनिल कौशिक जी ने यमुना स्नान कर यमुना व गंगा के महत्व को बताते हुए कहा कि मोक्षदायिनी गंगा और यमुना में जो आज के दिन स्नान करते हैं वे जन्म जन्म के पापों से मुक्त हो जाते हैं। आज के दिन गंगा मैया भगवान शिव की जटाओं में समाहित हो राजा सगर के पुत्रों की मुक्ति के लिए पृथ्वी पर आयी थी जयेष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरे का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर जो मनुष्य गंगा यमुना में स्नान कर अपने पितरों का तर्पण करते हैं। उनके पितरों की मुक्ति हो जाती है और उनके घरों में सुख समृद्धि बनी रहती है और लक्ष्मी जी का वास रहता है।

रविवार को भोर होते ही गंगा दशहरे के अवसर पर आसपास के गांव के पुरुष व महिला श्रद्धालुओं ने ल यमुना जी में पुण्य की डुबकी लगा अपने घर की सुख समृद्धि पितरों की मुक्ति के लिए स्नान कर तर्पण व पूजा की। हालांकि इस बार कोरोना को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या कम रही।


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