अहिल्या बाई होल्कर की जयंती मनाई
अखिल भारतीय पाल महासभा के तत्वावधान में देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती समारोह धूमधाम से मनाई जाती है।
सहारनपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय पाल महासभा के तत्वावधान में देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती समारोह धूमधाम से मनाई जाती है। मगर इस बार कोरोना वायरस-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सभी पाल समाज के बंधुओं ने अपने-अपने घरो पर ही मनाई। पाल समाज के लोगो ने श्रद्धापूर्वक माता की पूजा अर्चना कर तथा श्रद्धासुमन अर्पित कर दीप प्रज्जवलित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महेन्द्र सिंह जिला अध्यक्ष तथा संचालन पाल समाज के संयोजक एवं बलजीत सिंह पाल ने अहिल्याबाई होल्कर के जीवन काल पर पूर्ण प्रकाश डाला। विषम परिस्थितियों में उन्होंने 1767 में होल्कर साम्राज्य की बागडोर संभाली। 1769 रो 1795 तक 30 वर्षों तक इस देवी स्वरूप महिला ने निर्भीकता पूर्वक शासन किया तथा प्रत्येक समाज के गरीब व दुखी प्राणियों की सेवा करते हुए उनके मसीहा के रूप में रही। अपने शासनकाल में उन्होंने 12292 मंदिरों का निर्माण एवं जीणोद्धार करते हुए समाज में फैली कुरीतियों, दहेज प्रथा, बाल विवाह एवं मृत्यु भोज पर प्रतिबंध लगाया। इस अवसर पर महेन्द्र पाल अध्यक्ष, पप्पू पाल उपाध्यक्ष, सचिव ओपिन पाल अशोक कुमार, कबूल चंद कोषाध्यक्ष, सोनी पाल महानगर अध्यक्ष, मांगेराम, शक्ति सिंह पाल, आदि ने विचार रखते हुए समाज के उत्थान एवं शिक्षा के प्रति अधिक जोर दिया।
संवाद सहयोगी, देवबंद: पाल विकास समिति के तत्वावधान में वीरांगना माता देवी अहिल्या बाई होल्कर जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। युवाओं से महापुरूषों के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज और राष्ट्र उत्थान मे सहयोग करने का आह््वान किया गया।
रविवार को मोहल्ला कायस्थवाड़ा में समिति अध्यक्ष जयप्रकाश पाल के निवास पर जंयती समारोह हुआ। इस दौरान अहिल्या बाई होल्कर के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए गए। इस दौरान जयप्रकाश पाल ने कहा कि देवी अहिल्या बाई का जन्म मध्य प्रदेश के जिला इंदौर में 31 मई 1725 को हुआ था। वर्ष 1766 में ससुर मलहार राव की मृत्यु के बाद उन्होंने होल्कर राज्य की बागडोर संभाली और तीस वर्षों तक कुशल राज्य किया। सतपाल ने कहा कि समाज के लोगो को अपने महापुरुषों के दिखाए मार्ग पर चलकर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करके समाज और राष्ट्र उत्थान मे सहयोग करना चाहिए।