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फूलों की खेती से होगी किसानों की आय में वृद्धि

एक समय था जब जनपद में फूलों की खेती करना तो दूर की बात इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। समय के बदलाव के साथ-साथ परिस्थितियां भी बदली तथा फूलों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप किसानों ने उगाना शुरू किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:20 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:20 PM (IST)
फूलों की खेती से होगी किसानों की आय में वृद्धि
फूलों की खेती से होगी किसानों की आय में वृद्धि

सहारनपुर, जेएनएन। एक समय था जब जनपद में फूलों की खेती करना तो दूर की बात, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। समय के बदलाव के साथ-साथ परिस्थितियां भी बदली तथा फूलों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप किसानों ने उगाना शुरू किया। वर्तमान में सहारनपुर जनपद में 90 हेक्टेयर क्षेत्र खुले में और 1.35 लाख वर्ग मीटर पाली हाउस में फूलों की खेती होती है। इन फूलों की बिक्री दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ और देहरादून आदि स्थानों पर की जा रही है।

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लोकप्रिय हो रही पाली हाउस की खेती

सहारनपुर में भी किसानों का फूलों की खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है। खुले में ग्लैडियोलस फूलों की खेती लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है। इसी प्रकार 15 हेक्टेयर क्षेत्र में रजनीगंधा तथा 50 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदे की खेती हो रही है। जनपद में पाली हाउस में भी फूलों की खेती के उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है। लगभग 1.35 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में जरबेरा, गुलाब और कारनेशन फूलों की खेती हो रही है। सहारनपुर जनपद में पाली हाऊस के माध्यम से भी फूलों की खेती किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है।

एक लाख वर्ग मीटर में लगा है जरबेरा

जनपद में पाली हाऊस के माध्यम से एक लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में जरबेरा की खेती हो रही है, जिससे 1.80 करोड़ फूलों का उत्पादन हो रहा है। इसी प्रकार 27 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में गुलाब की खेती से 45.36 लाख फूलों का उत्पादन हो रहा है। पाली हाऊस के माध्यम से ही 8 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में कारनेशन की खेती हो रही है, जिससे 16 लाख फूलों का उत्पादन हो रहा हैं। किसान खुले खेत में फूलों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके चलते जनपद में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्लैडियोलस फूलों की खेती से 31.25 लाख स्पाइक की पैदावार होती है। 15 हेक्टेयर क्षेत्र में रजनीगंधा की खेती से 22.50 लाख स्पाइक की पैदावार होती है तथा 50 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदे की खेती से 5 हजार कुंतल की पैदावार होती है। जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए पाली हाऊस के निर्माण के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। सहारनपुर में उत्पादित फूलों की बिक्री दिल्ली, अंबाला, चंडीगढ व देहरादून आदि शहरों में की जा रही है। जरबेरा का एक फूल की न्यूनतम कीमत 3.00 रूपये प्रति, गुलाब की 6 से 10 रूपये प्रति, रंजनीगंधा 6 से 10 रुपये प्रति स्पाइक तथा गेंदे की 30 से 50 रुपये किलोग्राम की औसतन बिक्री की जाती है।


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