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श्मशान में लकड़ियों की कमी, अंतिम संस्कार को चल रहा इंतजार

कोरोना के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला तो थमने का नाम ले ही नहीं रहा है। अन्य बीमारियों से मरे लोगों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 07:12 PM (IST)
श्मशान में लकड़ियों की कमी, अंतिम संस्कार को चल रहा इंतजार
श्मशान में लकड़ियों की कमी, अंतिम संस्कार को चल रहा इंतजार

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला तो थमने का नाम ले ही नहीं रहा है। अन्य बीमारियों से मरे लोगों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है। हालात यह है कि श्मशानों में संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी होती जा रही है तथा अंतिम संस्कार के लिए अब तो वेटिग शुरू हो गई है।

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सहारनपुर महानगर में चार प्रमुख श्मशान हैं, जिसमें शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इनमें नुमाइश कैंप, हकीकत नगर, लालदास व शिवपुरी श्मशान शामिल है। इन श्मशानों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव संस्कार हेतु पहुंच रहे है। शिवपुरी श्मशान में कोविड मृतकों के सबसे अधिक संस्कार किए जा रहे हैं, जिसके कारण वहां संस्कार में प्रयोग की जाने वाली लकड़ी का अभाव हो गया है। इस श्मशान में गत दिवस 18 शवों का संस्कार किया गया था। वहीं रविवार दोपहर तक 12 शवों का संस्कार किया जा चुका था, तथा लकड़ी की कमी के चलते 4 को वेटिग में रखा गया था। बाजार में लकड़ी मिल नहीं पा रही है तथा लाक डाउन के चलते लकड़ी काटने वाले नहीं मिल पा रहे है। प्रबंध समिति ने इस बाबत नगर निगम व प्रशासन को अवगत कराया है। मिर्जापुर से भी लकड़ियां मंगाने की कोशिश की गई, लेकिन लकड़ी काटने व लाने वाले नहीं मिल पाने के कारण शवों को वेटिग में रखा जाने लगा है। यही नहीं पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। आपदा के काल में श्मशान घाटों की स्थिति विकट होती जा रही है।

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इनका कहना है..

शिवपुरी श्मशान भूमि सुधार समिति अध्यक्ष राजन अग्रवाल का कहना है कि शवों के अधिक आने तथा लकड़ी की कमी के कारण अंतिम संस्कार में वेटिग की जा रही है। कोविड शवों का संस्कार प्राथमिकता से किया जा रहा है। लकड़ी मंगाने के लिए सहायक नगर आयुक्त से कहा गया है, तथा मिर्जापुर से भी प्रयास किए जा रहे हैं। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में शव पहुंच रहे है कि संस्कार के लिए साधन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है।

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