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अर्बन सीलिग की अरबों रुपये की जमीन पर कब्जा, सीएम से शिकायत

जले में अर्बन सीलिग की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। अफसर आंख मूंदकर बैठे हुए हैं। एक सेवानिवृत्त लेखपाल की माने तो अभी तक कई हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा हो चुका है। इन सभी जमीन पर विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कब्जा कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 08:09 PM (IST)
अर्बन सीलिग की अरबों रुपये की जमीन पर कब्जा, सीएम से शिकायत
अर्बन सीलिग की अरबों रुपये की जमीन पर कब्जा, सीएम से शिकायत

सहारनपुर, जेएनएन। जिले में अर्बन सीलिग की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। अफसर आंख मूंदकर बैठे हुए हैं। एक सेवानिवृत्त लेखपाल की माने तो अभी तक कई हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा हो चुका है। इन सभी जमीन पर विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कब्जा कराया जा रहा है। सेवानिवृत्त लेखपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करके जांच की मांग की है। दावा है कि यदि इस प्रकरण की जांच सही तरीके से हो जाए तो अरबों रुपये का घोटाला सामने आएगा और कई अफसरों की गर्दन फंसेगी।

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शहर की हिम्मतनगर कालोनी के रहने वाले जनकपाल सिंह पुत्र भूरामल ने बताया कि वह वर्ष 2016 में लेखपाल के पद से सेवानिवृत्त हुआ था। इसी वर्ष उसने विकास प्राधिकरण में बतौर संविदा कर्मचारी के रूप में नौकरी शुरू की थी। उसने विकास प्राधिकरण में रहते हुए अर्बन सीलिग की जमीन की जांच की, जिसमें पाया कि जिले के 31 गांवों में 21 लाख 19 हजार 627 वर्ग मीटर अर्बन सीलिग की जमीन है। इस जमीन को शासन के आदेश पर विकास प्राधिकरण को देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी। आरोप है कि इसी का फायदा उठाकर विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों ने जमीन पर कब्जा कराना शुरू कर दिया। मोटी रकम लेकर कुछ माफिया को यह जमीन आवंटित कर दी, जबकि विकास प्राधिकरण को इस जमीन को आवंटन करने का हक नहीं हैै। आवंटन के लिए डीएम, वीसी, कमिश्नर आदि अधिकारियों की कमेटी बैठती है। इसके बाद आवंटन होता है। प्राधिकरण केवल जमीन की देखरेख कर सकता है। सेवानिवृत्त लेखपाल जनकपाल का कहना है कि सीएम के यहां से यदि इस मामले की जांच नहीं होती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

क्या होती है अर्बन सीलिग की जमीन

वर्ष 1996 से पहले जिस किसान के पास साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन होती थी। उस जमीन को सरकार नक्शा पांच बनाकर सीलिग कर लेती थी। शहरी जमीन को अर्बन सीलिग और देहात की जमीन को देहात सीलिग नाम दिया गया था। सरकार ने 1996 तक जिले में लगभग 22 लाख वर्ग मीटर जमीन को सीलिग किया था और विकास प्राधिकरण को देखरेख के लिए सौंप दिया था।

इन जमीनों पर हो चुका कब्जा

जनकपाल का दावा है कि पंजौरा गांव के खसरा नंबर-91 की एक हजार वर्ग मीटर जमीन, बेहट रोड पर स्थित दराकोटतला में स्थित खसरा नंबर 240 की तीन हजार वर्ग मीटर जमीन, दरापठानपुरा में स्थित खसरा नंबर 514 की पांच हजार वर्ग मीटर जमीन समेत कई जमीनों पर कब्जा हो चुका है। कई जमीन पर कालोनियां तक काट दी गई हैं।

यह शिकायत मेरे पास नहीं आई है। यदि ऐसी कोई बात है तो मैं खुद जांच करुंगा। दोषियों पर कार्रवाई होगी।

-आशीष, वीसी प्राधिकरण।


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